मनमोहन के लिए पाकिस्तान के पैतृक गांव में भी शोक

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से भारत में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लोग शोक में हैं। उनके निधन के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले स्थित उनके पैतृक गांव गाह में एक शोक सभा रखी गई। इसमें लोगों ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया।

गांव के लोगों का कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे हमारे परिवार का कोई सदस्य चला गया हो, हमसे दूर हो गया हो। गाह गांव के कुछ वीडियो भारत भेजे गए हैं, जिनमें गांव के लोग डॉ. मनमोहन सिंह के लिए शोक सभा रखकर शोक जता रहे हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

गांव गाह के रहने वाले शिक्षक अल्ताफ हुसैन ने बताया है कि मनमोहन सिंह के निधन पर दुख प्रकट करने के लिए स्थानीय लोगों के एक समूह ने शोक सभा आयोजित की थी। इसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और उन्होंने मनमोहन सिंह की अच्छी बातों के साथ उनके काम को भी याद किया।

अल्ताफ हुसैन उसी स्कूल में शिक्षक हैं, जहां मनमोहन सिंह ने चौथी कक्षा तक पढ़ाई की थी। यहां उनकी यादें संरक्षित हैं। मनमोहन ने इस गांव में गीजर और सोलर लाइटें भी लगवाई थीं

ग्रामीण राजा अब्दुल खालिक बताते हैं कि मनमोहन सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए गाह में बच्चियों का हाईस्कूल बनवाया, बच्चों का हाईस्कूल बनवाया, वेटरनरी अस्पताल बनवाया, उन्होंने गाह तक पक्की सड़क भी बनवाई।

राजा अब्दुल ने मनमोहन सिंह का एक किस्सा भी साझा किया। उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह ने गांव की मस्जिद में गीजर भी लगवाया था। इसका कारण था कि एक बार मनमोहन सिंह से बात हो रही थी। उन्होंने (मनमोहन) कहा कि मस्जिद में लोग नमाज पढ़ते हैं, लेकिन जिस पानी से वह हाथ-पैर धोते हैं, वह पानी ठंडा रहता है। उन्होंने मस्जिद में गीजर लगवाने की इच्छा जताई।

 

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