चुनाव प्रक्रिया की मज़बूती और वोटरों की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले 100 दिनों में 21 पहलकदमियां शुरू: सिबिन सी

 

चंडीगढ़, 29 मई

पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी ने बताया है कि वोटरों के अनुभव को बेहतर बनाने और चुनाव प्रबंधन को और ज्यादा सुचारू करने के लिए एक बड़ी पहलकदमी के तौर पर भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले 100 दिनों में 21 नयी पहलकदमियां शुरू की हैं। इन कदमों में प्रक्रियात्मक सुधार, प्रशिक्षण प्रोग्राम और भाईवालों की शमूलियत को यकीनी बनाना शामिल है।

26वें मुख्य चुनाव कमिश्नर ज्ञानेश कुमार के पद संभालने के पहले 100 दिनों में कई उद्देश्यपूर्ण, व्यावहारिक और सक्रिय कदम उठाए गए हैं। ईसीआइ को और मज़बूती देने के उद्देश्य के साथ मार्च 2025 में हुई मुख्य चुनाव अधिकारियों की कान्फ़्रेंस के दौरान कमिश्नर डा. सुखबीर सिंह संधु और डा. विवेक जोशी की मौजूदगी में इसका दृष्टिकोण तैयार किया गया था।

वोटरों की पहुँच को बेहतर बनाने के लिए, ईसीआइ ने प्रति पोलिंग स्टेशन वोटरों की अधिक से अधिक संख्या 1500 से घटा कर 1200 कर दी है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों जैसे कि गेटड कम्यूनिटियों और ऊँची इमारतों में अतिरिक्त पोलिंग बूथ स्थापित किये जाएंगे। कमीशन का मकसद यह यकीनी बनाना है कि किसी भी वोटर को अपनी वोट डालने के लिए 2 किलोमीटर से अधिक सफ़र न करना पड़े।

वोटर जानकारी स्लिपों को स्पष्टता के लिए दोबारा डिज़ाइन किया गया है, जिसमें सिरियल और पार्ट नंबरों को सरल ढंग से दर्शाया गया है।

वोटरों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर हरेक पोलिंग स्टेशन के प्रवेश द्वार पर मोबाइल डिपाजिट सुविधा स्थापित की जायेगी। उम्मीदवारों को अब पोलिंग स्टेशन के प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी की जगह पर सिर्फ़ 100 मीटर दूरी पर बूथ लगाने की आज्ञा दी जायेगी।

उपभोक्ता के लिए एक सरल इंटरफेस की सुविधा के लिए सिंगल- प्वाइंट नया एकीकृत डैशबोर्ड – ईसीआईऐनईटी विकसित किया गया है जिसका उद्देश्य मौजूदा 40$ ऐपस/ वैबसाईटों की बजाय, सभी हिस्सेदारों के लिए एक ही जगह पर सभी सेवाएं प्रदान करना है। ईसीआइऐनईटी के कुछ माड्यूल मौजूदा उप-मतदान में उपलब्ध करवाए जाएंगे और बिहार विधान सभा मतदान के समय तक पूरा डैशबोर्ड अलग-अलग हिस्सेदारों के द्वारा प्रयोग के लिए उपलब्ध होगा।

ईसीआइ ने भारत के रजिस्ट्रार जनरल से मौत रजिस्ट्रेशन डेटा का सीधा एकीकरण शुरू किया है जिससे मृतक वोटरों को सूचियों में से समय पर और प्रमाणित ढंग के साथ हटाया जा सके। बूथ स्तर अफ़सर तस्दीक में पहले की तरह ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुये फील्ड- स्तरीय जांच कार्यवाहियों के बाद जानकारी को अपडेट करना यकीनी बनाऐंगे।

आरपी एक्ट, 1950 में बताए अनुसार उप-चुनाव से पहले विशेष संक्षिप्त संशोधन किया गया है। यह उप- चुनाव से पहले किया जाने वाला पहला ऐसा अभ्यास है।

राजनैतिक हिस्सेदारों के साथ नियमित बातचीत को और ज्यादा कुशल बनाने के लिए, ईसीआइ ने देश भर में 4719 मीटिंगें की, जिसमें 28,000 से अधिक राजनैतिक पार्टियों के नुमायंदे शामिल हुए। इनमें ईसीओ स्तर पर 40 मीटिंगें, डीईओ स्तर पर 800 और ईआरओ स्तर पर 3879 मीटिंगें शामिल थीं। कमीशन ने नयी दिल्ली में मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों के नेताओं के साथ सलाह-मशवरा भी किया है, जिनमें भाजपा, बसपा, सीपीआइ(एम) और एन. पी. पी शामिल हैं और मौजूदा उप- मतदान के बाद राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टियों और प्रदेश राजनैतिक पार्टियों के साथ और मीटिंगों की योजना बनाई गई है।

ईसीआइ ने बूथ स्तर अफसरों बीऐलओ सुपरवाईज़रों और बूथ स्तर एजेंटों के लिए प्रशिक्षण प्रोग्रामों का विस्तार किया है। इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ डेमोक्रेसी एंड इलैक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईऐम) में 3500 से अधिक बीऐलओज़/ बीऐलओ सुपरवाईज़रों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसको अब आने वाले सालों में एक लाख से अधिक बीऐलओ सुपरवाईज़रों को प्रशिक्षण देने का काम सौंपा गया है। यह सुपरवाइज़र बदले में 10.5 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं के बड़े बीऐलओ नैटवर्क को प्रशिक्षण देंगे।

इस साल जुलाई के मध्य तक लगभग 6000 और बीऐलओज़/ बीएलओ सुपरवाइज़र लगभग 20 बैचों में अपना प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। विशेष ध्यान बिहार, तमिलनाडु, पुडूचेरी, पश्चिमी बंगाल, केरल और असाम जैसे राज्यों पर होगा जहाँ नजदीक भविष्य में विधान सभा मतदान होने हैं।

पहचान और पहुंच योग्ता के लिए सभी बीऐलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किये जाएंगे। प्रशिक्षण का विस्तार मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों के बीऐलए तक भी किया गया है और बिहार, तमिलनाडु और पुडूचेरी से सबंधित शुरुआती बैच में सैशन इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ डेमोक्रेसी एंड इलैक्शन मैनेजमेंट में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

सीईओ मीडिया सैलों के अधिकारियों को मीडिया शमूलियत के बारे जानकारी दी गई है, जिसका मकसद सार्वजनिक संचार की गुणवत्ता और समयबद्धता को बेहतर बनाना है। इसके इलावा, बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सैशन आयोजित किये गए हैं, जो चुनाव तैयारी की बहु- एजेंसी प्रकृति को दर्शाते हैं।

चुनाव प्रक्रिया के दौरान पहचाने गए 28 श्रेणियों के हिस्सेदारों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण ढांचा विकसित किया गया है। यह माड्यूल जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1950 और 1951, वोटर रजिस्ट्रेशन नियमों, 1960 और चुनाव नियमों, 1961 के उपबंधों के साथ-साथ ईसीआइ निर्देशों पर आधारित हैं। यह हिस्सेदार आईआईआईडीईऐम में प्रशिक्षण भी लेंगे।

अन्य सुधारों में ईसीआइ ने अपने हैडक्वाटर पर बायोमैट्रिक हाज़िरी लागू की है, ई-आफिस सिस्टम को एक्टिवेट किया है, और नियमित सीईओ- स्तरीय समीक्षा मीटिंगें शुरू की हैं। इन उपायों का उद्देश्य अंदरूनी तालमेल और संचालन कुशलता को बेहतर बनाना है।

ईसीआइ ने आईआईआईडीईऐम, नयी दिल्ली में भारत के चुनाव कमीशन की नुमायंदगी करने वाले वकीलों की एक राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस भी बुलाई। सुप्रीम कोर्ट और देश भर के इसके बैचों समेत 28 हाई कोर्टों के सीनियर वकीलों के साथ-साथ सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और 36 सीईओज़ ने कान्फ़्रेंस में हिस्सा लिया। इस पहल का उद्देश्य तालमेल विकसित करना और उभर रही चुनौतियों को और ज्यादा प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए कमीशन के कानूनी ढांचे को फिर से तैयार करना था।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई 21 नयी पहलकदमियों की सूची (19 फरवरी, 2025- 29 मई, 2025)

1. पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित की गई।
2. हाई राइज़/ क्लोनियों में अतिरिक्त पोलिंग बूथ स्थापित किये जाएंगे।
3. वोटर सूची को अपडेट करने के लिए मौत रजिस्ट्रेशन का डाटा सीधा आर. जी. आई. डाटाबेस से प्राप्त किया जायेगा और तस्दीक के बाद अपडेट किया जायेगा।
4. वोटर सूचना स्लिपों को वोटरों के लिए और ज्यादा अनुकूल बनाया जायेगा: वोटर का सिरियल नंबर और भाग नंबर अब और ज्यादा प्रमुखता के साथ प्रदर्शित किया जायेगा।
5. पोलिंग स्टेशनों के बाहर मोबाइल डिपाजिट सुविधा दी जायेगी
6. देश भर में सी. ई. ओ. / डी. ई. ओ. / ई. आर. ओ. स्तर पर सभी राजनैतिक पार्टियों के साथ 4719 ( सी. ई. ओ. – 40/ डी. ई. ओ. – 800/ ई. आर. ओ. – 3879) मीटिंगें की गई; राजनैतिक पार्टियों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
7. चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय और प्रांतीय राजनैतिक पार्टियों जैसे आप/ बी. जे. पी. / बी. एस. पी. / सी. पी. आई. (एम) / एन. पी. पी. के मुखियों के साथ मीटिंगें
8. आई. आई. आई. डी. ई. एम. (बिहार, तमिलनाडु और पुडूचेरी) में राजनैतिक पार्टियों के बूथ स्तर एजेंटों के लिए सामर्थ्य निर्माण प्रोग्राम
9. चुनाव प्रचार के लिए बूथ से दूरी के नियमों में ढील – उम्मीदवार/ सियासी पार्टियों को अब 200 मीटर की बजाय 100 मीटर की दूर पर बूथ स्थापित करने की आज्ञा
10. नये एकीकृत डैशबोर्ड – ई. सी. आई. एन. ई. टी. की शुरुआत, जिसका उद्देश्य सभी भाईवालों को एक ही जगह पर सभी सेवाएं प्रदान करना है। अब 40 से अधिक ऐपे/ वैबसाईटों की जगह एक एप इस्तेमाल की जायेगी।
11. डुप्लिकेट ई. पी. आई. सी. नम्बर की समस्या हल; विलक्षण ई. पी. आई. सी. नम्बरों के लिए नयी विधि लागू
12. जन प्रतिनिधित्व एक्ट 1950, 1951, वोटर रजिस्ट्रेशन नियम 1960, कंडक्कट ऑफ इलैक्शन रूल्ज, 1961 और समय-समय पर चुनाव कमीशन की तरफ से जारी निर्देशों के आधार पर वोटर सूचियों की तैयारी और मतदान के संचालन की पूरी प्रक्रिया में 28 भाईवालों की पहचान की गई, जिनमें वोटर, चुनाव अधिकारी, राजनैतिक पार्टियाँ, उम्मीदवार और अन्य शामिल थे।
13. उपरोक्त सभी भाईवालों के लिए: कमीशन के कानूनों, नियमों और हिदायतों के आधार पर प्रशिक्षण पेशकारियां तैयार की जा रही हैं।
14. भारत निर्वाचन आयोग और सी. ई. ओ. की नुमायंदगी करने वाले सलाहकारों की नेशनल कान्फ़्रेंस का आयोजन किया गया जिससे तालमेल को मज़बूत और कानूनी ढांचे को फिर तैयार किया जा सके।
15. बी. एल. ओज़ को स्टैंडर्ड फोटो आई. डी. कार्ड प्रदान किया जायेगा
16. आई. आई. आई. डी. ई. एम., नयी दिल्ली में सामर्थ्य निर्माण प्रोग्राम:
ऽ 3500 से अधिक बूथ स्तर सुपरवाइज़र पहले ही आई. आई. आई. डी. ई. एम. में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
ऽ अगले 45 दिनों में 20 बैचों में लगभग 6000 बी. एल. ओज़/ बी. एल. ओ सुपरवाईज़रों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
ऽ अगले कुछ सालों में 1 लाख से अधिक बी. एल. ओ. सुपरवाईज़रों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
17. आई. आई. आई. डी. ई. एम. में सभी 36 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के सी. ई. ओ. दफ़तरों के मीडिया अधिकारियों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम करवाया गया
18. आई. आई. आई. डी. ई. एम. में बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण प्रोग्राम करवाया
19. बायोमैट्रिक हाज़िरी को लागू करना
20. ई-आफिस का लांच और संचालन
21. सभी 36 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के सी. ई. ओज़ के साथ चुनाव कमीशन की नियमित मीटिंगें और चुनाव कमीशन के अलग-अलग विभागों के साथ उनके दफ़्तरों के कामकाज का तालमेल बनाना
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