चंडीगढ़/ जालंधर, 5 मार्च:
नशा तस्करों के खिलाफ एक अन्य कार्रवाई में, कमिश्नरेट पुलिस जालंधर ने नगर निगम के साथ तालमेल कर बुधवार को एक नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया। सरकारी जमीन पर कथित तौर पर ड्रग्स पैसे का इस्तेमाल कर बनाए गए कब्जे वाले ढांचे को “युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान के तहत ध्वस्त कर दिया गया।
विवरण देते हुए पुलिस कमिश्नर जालंधर ने बताया कि नगर निगम को कुख्यात नशा तस्कर धर्मेंद्र पुत्र मोहन लाल निवासी धानकिया मोहल्ला जालंधर द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के बारे में जानकारी मिली थी है। यह संपत्ति कथित तौर पर उसके अवैध ड्रग व्यापार से प्राप्त आय से बनाई गई थी।
तुंरत कार्रवाई करते हुए नगर निगम और पुलिस टीमें हरकत में आग गई और कब्जे वाले ढांचे को ध्वस्त कर दिया, जिससे कड़ा संदेश गया कि जालंधर में नशे से संबंधित गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर जालंधर ने आगे बताया कि धर्मेंद्र एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एन.डी.पी.एस.) अधिनियम के तहत छह मामले दर्ज है। यह कार्रवाई नशीले पदार्थों के तस्करों से जुडे गैर-कानूनी ढांचे को ध्वस्त करने तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
“युद्ध नशे के विरुद्ध ” अभियान लगातार तेज होता जा रहा है अधिकारियों ने ड्रग-संबंधी अपराधों में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का वादा किया है। बता दे कि फिल्लौर क्षेत्र में नशीले पदार्थों के तस्करों से जुड़े अवैध ढांचों को ध्वस्त करने सहित पहले भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है।
कमिश्नरेट पुलिस ने समाज से नशे को खत्म करने के लिए अपनी वचनबद्धता दोहराई और नागरिकों से जालंधर को नशा मुक्त बनाने के उनके प्रयासों का समर्थन करने की अपील की।