अमृतसर–अमृतसर में आज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से सड़कों पर गेहूं बिखेर कर प्रदर्शन किया गया। किसानों ने डीसी दफ्तर में भी गेहूं फेंक दिया। उनका कहना था कि प्राइवेट कंपनियां किसानों से सस्ते में चावल और गेहूं खरीद रहे हैं और महंगी दरों पर बाजार में बेचा जा रहा है। उन्होंने अन्य मांगों पर भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पंजाब नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान फसलों की खरीद के लिए गारंटी कानून की मांग क्यों हो रही है, इसका एक मुख्य कारण यह है कि इस सीजन में बासमती की किस्म 1509 और 1692 अनियमित तरीके से बाजारों में लूट साबित हो गई है। नेता सरवन सिंह पंधेर और जिला नेता मंगजीत सिंह सिधवां ने कल बाजारों का दौरा किया था।
उन्होंने कहा कि कृषि को बाजार अर्थव्यवस्था से जोड़ने को अच्छा कदम बताकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बार किसानों की बासमती को प्राइवेट खरीदारों द्वारा आधी कीमत पर लूटने की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद किसानों से बातचीत के दौरान बताया गया है कि आज की तारीख में बासमती का रेट 2000 से 2400 तक है, जबकि पिछले साल इसी फसल का रेट 3500-4000 रुपए के बीच था, जिसके चलते हर किसान को 25-30 हजार का सीधा नुकसान होता है।