अमृतसर–अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हरियाणा सरकार के एक विज्ञापन को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। हरियाणा सरकार ने बाबा बंदा सिंह बहादुर के शहीदी दिवस पर जारी विज्ञापन में उन्हें ‘वीर बंदा बैरागी’ के रूप में संबोधित किया।
एडवोकेट धामी ने इस संबोधन को सिख सिद्धांतों का अपमान बताया है। उनका कहना है कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का नाम लेकर मुगल साम्राज्य से लड़ाई लड़ी। उन्होंने अत्याचारी शासन को उखाड़ फेंका और साहिबजादों की शहादत का बदला लिया।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने बताया कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने पहला सिख राज्य स्थापित किया। उन्होंने सामंतवाद को समाप्त कर किसानों को भूमि स्वामित्व अधिकार दिए। यह सामाजिक समानता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण था।
धामी ने स्पष्ट किया कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने बैरागी बाना त्याग कर श्री गुरु गोबिंद सिंह के सिख धर्म को अपनाया था। उन्हें ‘वीर बंदा बैरागी’ कहना ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिखों की विशिष्ट पहचान को नकारने की एक साजिश है।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने हरियाणा सरकार से सिख इतिहास को विकृत करने वाली कार्रवाइयों से बचने की अपील की है। साथ ही ऐसी कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।