चंडीगढ़, 25 अप्रैल:
पंजाब के सुशासन और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि नागरिक-केंद्रित सेवाओं की पारदर्शी ढंग से कुशल और निर्बाध डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित सभी ऑफलाइन सेवाओं को एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रदान करने के लिए परियोजना प्रबंधन इकाई (पी.एम.यू.) स्थापित करने का फैसला किया है।आज शाम यहां पंजाब भवन में पंजाब राज्य ई-गवर्नेंस सोसाइटी (पी.एस.ई.जी.एस.) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बी.ओ.जी.) की 21वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि पी.एम.यू. का मुख्य उद्देश्य सभी ऑफलाइन सेवाओं को एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल पर लाना है ताकि नागरिक किसी भी समय, किसी भी स्थान से सेवाओं के लिए आवेदन कर सकें। यह पोर्टल आवेदकों को उनकी अर्जियों की स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम बनाने के साथ-साथ लंबित सेवाओं की मुख्य दफ्तर स्तर पर निगरानी की सुविधा प्रदान करेगा ताकि अधिक जवाबदेह प्रशासन और मामलों के समय पर निपटारे को सुनिश्चित किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि यह यूनिट, पंजाब ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी इन पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट के तहत विभिन्न सरकारी विभागों की अधिसूचित सभी सेवाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पी.एम.यू. विभागीय सेवाओं को पंजाब ई-सेवा पोर्टल से जोड़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी इन पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट के तहत कुल 846 सेवाएं अधिसूचित की गई हैं और इनमें से सिर्फ 436 सेवाएं 541 सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। इन सेवाओं में से 406 सेवाएं “भगवंत मान सरकार आपके द्वार” के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं, जिसके तहत नागरिक अपने घर बैठे हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल करके 406 नागरिक केंद्रित सेवाओं का लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सिंगल प्वाइंट कांटेक्ट या डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से सभी सेवाएं प्रदान करने के लिए पंजाब ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी इन पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट के तहत अधिसूचित बाकी बची ऑफलाइन सेवाओं की ऑनलाइन पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत किया जाएगा।
सुशासन मंत्री ने कहा कि पी.एम.यू. विभागों को उनकी अधिसूचित सेवाओं को डिजिटाइज/ऑनबोर्डिंग करने और ऑनलाइन पोर्टल पर निर्बाध रूप से एकीकृत करने को सुनिश्चित करने में तकनीकी और संचालन सहायता प्रदान करेगा। पी.एम.यू. डिजाइनिंग, निगरानी, और सभी विभागों में डिजिटल सेवाओं के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए एक केंद्रीय एजेंसी के रूप में काम करेगी।
इस दौरान, बी.ओ.जी. बैठक ने पूरे राज्य में कार्यरत सभी सेवा केंद्रों के प्रदर्शन और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए व्यापक ऑडिट करने का फैसला भी किया। यह पहल नागरिक पहुंच और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ऑडिट का उद्देश्य सेवा केंद्रों की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और सेवा प्रदान करने की विधि का मूल्यांकन करना और प्रशासन में नागरिकों के विश्वास को मजबूत करना है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सेवा प्रदान करने में अनावश्यक देरी के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। उन्होंने नागरिकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर सेवाएं प्रदान करने को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी अनावश्यक देरी को दूर करने और नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुशासन श्री विकास प्रताप ने कहा कि यह दो-तरफ़ा दृष्टिकोण, मौजूदा सेवा प्रदान करने वाले चैनलों का ऑडिट और ऑनलाइन सेवाओं के एकीकरण पर केंद्रित है जो प्रशासन को बेहतर बनाने और अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए पंजाब सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
इस बैठक में निदेशक सुशासन श्री अमित तलवार, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर श्री जसप्रीत सिंह, विशेष सचिव स्थानीय सरकारें श्री परमिंदर पाल सिंह और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।