कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में उनके खिलाफ महाभियोग के नोटिस पीठासीन अधिकारियों को सौंपे गए। इन पर पक्ष-विपक्ष के 215 सांसदों (लोकसभा में 152 और राज्यसभा में 63) के हस्ताक्षर हैं।
महाभियोग प्रस्ताव को भाजपा, कांग्रेस, टीडीपी, जेडीयू, सीपीएम और अन्य दलों के सांसदों का समर्थन मिला है। साइन करने वालों में सांसदों में राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी, राजीव प्रताप रूडी, सुप्रिया सुले, केसी वेणुगोपाल और पीपी चौधरी जैसे सांसद भी शामिल हैं।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी जानकारी दी थी। स्वतंत्र भारत में पहली बार हाईकोर्ट के किसी कार्यरत जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव आया है।