चंडीगढ़–पंजाब में नशे और करप्शन के बाद अब अवैध माइनिंग के खिलाफ भी सरकार एक्शन में आ गई है। इसके लिए सरकार ड्रोन और सैटेलाइट की मदद लेगी। इससे लीगल और इलीगल साइट्स की पहचान होगी। यह काम माइनिंग विभाग और IIT रोपड़ की मदद से चलेगा।इसके लिए दोनों पक्षों में 5 साल के लिए MOU हुआ है। यह जानकारी पंजाब के खनन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने दी। उन्होंने बताया कि यह प्रयोग काफी फायदेमंद रहेगा।
जानकारी के मुताबिक IIT रोपड़ टेक्नोलॉजी के जरिए ड्रोन सर्वे, सैटेलाइट सर्वे के जरिए लीगल और इलीगल साइट्स की पिक्चर क्लियर होगी। डैम सर्वे के साथ हर 20 मीटर पर सर्वे और रेत की मात्रा की जानकारी मिलेगी। इसके साथ ही प्री मानसून और पोस्ट मानसून में रेत की मात्रा की सही जानकारी मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि इस चीज से लोगों को काफी फायदा होगा।
इस सिस्टम से यह भी जानकारी मिलेगी कि किन खदानों में काम चल रहा है और किन खदानों में अवैध खनन किया जा रहा है। यह केंद्र द्वारा प्रदान किया गया डेटा मानसून से पहले नदियों में रेत के उचित प्रबंधन में सहायता करेगा और इस विधि के माध्यम से 20-20 मीटर की दूरी पर पानी के नीचे की रेत और बजरी का पता लगाया जा सकेगा। जिससे गांवों को बाढ़ से बचाया जा सकेगा।