चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी पंजाब के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी दलों पर दलित छात्रों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य की पिछली सरकारों और केंद्र की भाजपा सरकार ने जानबूझकर दलित छात्रों की वजीफा बंद कर दिया ताकि वे पढ़ न सकें। इसके साथ ही चीमा ने अकाली दल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2014 से 2020 तक हरसिमरत कौर बादल केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं, लेकिन उन्होंने कभी भी इस मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने नहीं उठाया।
संबोधित करते हुए चीमा ने दलित छात्रों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वजीफा बंद होने से 2020-21 में पंजीकरण की संख्या 2.5 लाख से घटकर 1,76,000 रह गयी। लेकिन जब आम आदमी पार्टी ने दलित छात्रों के लिए पैसा जारी किया तो 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 2 लाख 26 हजार हो गई। इसके बाद 2023-24 में यह संख्या बढ़कर करीब 2 लाख 40 हो गई है।
हरपाल चीमा ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना में केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत देती है, लेकिन 2017 के बाद न तो केंद्र ने अपना 60 प्रतिशत हिस्सा दिया और न ही राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार ने अपना 40 प्रतिशत हिस्सा जारी किया। इसी कारण लाखों दलित छात्रों की डिग्रियां रोक दी गईं और हजारों की पढ़ाई बीच में ही रुक गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2017 से 2023 तक के वजीफा का पैसा अभी भी रोक रखा है। हम अन्य पार्टियों की तरह दलित वोट की राजनीति नहीं करते। हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार कर रहे हैं, ताकि हर बच्चे को बिना किसी भेदभाव के अच्छी शिक्षा और सभी सुविधाएं मिल सकें।