चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट)- पंजाब में आम आदमी क्लीनिकों की संख्या 1000 से ऊपर ले जाने की तैयारी ज़ोरों पर चल रही है। सरकार की ओर से 200 नए क्लीनिक खोलने की घोषणा कर दी गई है, जिससे राज्य में स्वास्थ्य क्रांति को और गति मिलेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में ऐसा मॉडल पेश कर रही है जो सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बन रहा है।
अब तक पंजाब सरकार की ओर से 881 आम आदमी क्लीनिक शुरू किए जा चुके हैं, जहां नागरिकों को मुफ्त डॉक्टरी सलाह, लैब टेस्ट और लगभग 80 दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ये क्लीनिक मुख्यतः गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। सरकार ने इन क्लीनिकों को मोहल्लों और गांवों के नज़दीक स्थापित कर के स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के दरवाज़े तक पहुंचाने की कोशिश की है।
सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने की दिशा में भी गंभीर कदम उठाए गए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ने एक वॉट्सऐप चैटबॉट लॉन्च किया है, जिसके ज़रिए मरीज़ अपने लैब टेस्ट की रिपोर्टें, डॉक्टरी सलाह और दवाइयों से जुड़ी जानकारी अपने मोबाइल पर ही प्राप्त कर सकते हैं। इससे अस्पताल या क्लीनिक में बार-बार जाने की ज़रूरत कम हो गई है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हर पंजाबी परिवार को 10 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। यह योजना 2 अक्टूबर से लागू होगी और हर परिवार को एक स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके ज़रिए वे सरकारी या निजी अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे।
सरकार द्वारा कई अन्य क्रांतिकारी प्रयास भी किए गए हैं, जैसे बठिंडा, मोहाली और गुरदासपुर में कैंसर रोकथाम के लिए विशेष परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जहां मुँह, छाती और गर्भाशय कैंसर की जांच और रोकथाम के लिए उपक्रम किए जा रहे हैं।
इसी के साथ सरकार ने राज्य में “स्टॉप डायरिया” अभियान भी शुरू किया है, जिसके तहत ORS और ज़िंक की किटें घर-घर बांटी जा रही हैं ताकि बच्चों में डायरिया से होने वाली मौतों को रोका जा सके।
रेबीज़ की रोकथाम के लिए पीडू एनजीओ के साथ संयुक्त रणनीति बनाई गई है ताकि कुत्तों से फैलने वाली इस बीमारी की रोकथाम की जा सके।
नशे की समस्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 529 सरकारी और 180 निजी OOAT केंद्र चलाए हैं, जहां नशा छोड़ने वालों को उचित सहायता और इलाज प्रदान किया जा रहा है।
एम्बुलेंस सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में भी काम किया गया है। जून 2025 तक राज्य में कुल 104 नई एम्बुलेंसें शामिल हो जाएंगी, जिनमें से 58 जुलाई 2024 में ही सेवा में लाई जा चुकी हैं।
सरकार के ये सभी प्रयास राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के मॉडल को गांवों, कस्बों और पिछड़े इलाकों तक ले गए हैं। ये केवल कागज़ी योजनाएं नहीं हैं, बल्कि ज़मीनी सच्चाई हैं जो हर पंजाबी की ज़िंदगी में वास्तविक बदलाव ला रही हैं।
पंजाब सरकार का यह दावा कि “स्वास्थ्य सेवा हर नागरिक का अधिकार है”, अब केवल एक नारा नहीं रहा, बल्कि एक अमल में लाई गई हकीकत बन चुका है।