बरनाला जिला सिविल सर्जन डा. हरिंदर शर्मा और उनके वरिष्ठ सहायक अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया गया। दोनों को पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया है। इसके साथ ही दोनों को निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चंडीगढ़ के मुख्य कार्यालय में भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
दरअसल डॉक्टरों के संगठन पीसीएमएस एसोसिएशन जिला बरनाला ने सिविल सर्जन बरनाला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और आरोप लगाया था कि उन्हें अपने नियमित काम के लिए भी रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है। इस के बाद पंजाब सरकार द्वारा पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक अनिल गोयल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था, जिन्होंने 27 अगस्त को बरनाला आकर जांच की, जिसमें उन्होंने सिविल सर्जन शर्मा को लंबी छुट्टी, पदोन्नति, प्लेसमेंट और पेंशन मामलों से संबंधित रिकॉर्ड लाने के भी निर्देश दिए गए। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद सिविल सर्जन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।
अब इसके बाद पंजाब सरकार ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. जसप्रीत सिंह को सिविल सर्जन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। जबकि पहले जब भी सिविल सर्जन का पद खाली होता था तो उसका चार्ज किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी को दे दिया जाता था या फिर एसएमएस बरनाला यह काम देखते थे। सिविल सर्जन पर हुई कार्रवाई से ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाये हैं। भ्रष्टाचार के इस मामले में न सिर्फ सिविल सर्जन, बल्कि इस कार्यालय के अन्य अधिकारी भी विभाग के रडार पर बताये जा रहे हैं।