चंडीगढ़/बटाला, 25 अगस्त:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चलाए जा रहे व्यापक अभियान के दौरान बटाला पुलिस ने पाक-आईएसआई समर्थित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए चार एसपीएल एचजीआर-84 हैंड ग्रेनेड (जिसे आर्गेस एचजी-84 भी कहा जाता है) और लगभग 2 किलोग्राम वज़न वाला आरडीएक्स-आधारित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), जो काले धातु के डिब्बे में पैक था, अमृतसर जाने वाली सड़क के नज़दीक झाड़ियों से बरामद किया है। यह जानकारी आज यहाँ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
इसके अतिरिक्त, पुलिस टीमों ने एक बाओफेंग ड्यूल-बैंड एफएम ट्रांसीवर सेट, एक डी-आकार का हेडसेट (जो आम तौर पर वॉकी-टॉकी के साथ प्रयोग किया जाता है) सहित अन्य उपकरण भी बरामद किए हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में यह सामने आया है कि यह खेप यूके-आधारित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकी निशान सिंह उर्फ़ निशान जोडीया के निर्देश पर रखी गई थी, जो पाक-आईएसआई समर्थित पाकिस्तान-आधारित आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के इशारों पर काम कर रहा है।
डीजीपी ने आगे कहा कि एक आरोपी, जिसकी पहचान रविंदर पाल सिंह उर्फ़ रवी निवासी गाँव पूरिया कलां के रूप में हुई है, को गिरफ़्तार कर लिया गया है। एक अन्य आरोपी की पहचान की जा चुकी है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीमें छापेमारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए जाँच जारी है।
अधिक जानकारी देते हुए बटाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुहेल क़ासिम मीर ने बताया कि आगे की जाँच में स्पष्ट हुआ है कि आरोपी ने गैंगस्टर-आतंकी निशान सिंह उर्फ़ निशान जोडीया, जिसने विस्फोटक छुपाने और पहुँचाने की व्यवस्था की थी, के निर्देश पर ‘डेड लेटर बॉक्स’ तकनीक से खेप एकत्र की थी। उन्होंने बताया कि इस बरामदगी ने पंजाब में शांति और सौहार्द बिगाड़ने की सीमा पार से रची साज़िश को नाकाम कर दिया है।
एसएसपी ने कहा कि निशान जोडीया को गिरफ़्तार कर उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई हेतु भारत प्रत्यर्पित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में पंजाब पुलिस ने विदेश मंत्रालय और बर्मिंघम स्थित भारत के कॉन्सलेट
जनरल दूतावास से संपर्क किया है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है।
इस संबंध में थाना सदर बटाला में एफआईआर संख्या 129 दिनांक 21.08.2025 को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 के अंतर्गत दर्ज की गई थी। इस मामले की आगे की जाँच के दौरान जैसे-जैसे आतंकी नेटवर्क की संलिप्तता स्पष्ट होती गई, गैर-कानूनी गतिविधियाँ (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराएँ भी मामले में शामिल की गईं।