चंडीगढ़, 9 अगस्त – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज देशभर के प्रमुख उद्योगपतियों की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय सी.ई.ओ. सम्मेलन के दौरान पंजाब को अवसरों से भरी भूमि के रूप में प्रस्तुत किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उद्योगपतियों से प्राप्त फीडबैक राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने उद्योगपतियों की उद्यमशील सोच और प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसे उन्होंने राज्य की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण बताया।
तीन साल पहले की स्थिति का ज़िक्र करते हुए ‘आप’ संयोजक ने कहा कि तब पंजाब अंधकार के दौर से गुजर रहा था और विशेषकर युवाओं में नशे की समस्या विकराल रूप ले चुकी थी।
केजरीवाल ने ज़ोर देकर कहा कि नशे के कारण सशास्त्र सेना में पंजाब का योगदान बहुत कम हो गया था और पूर्ववर्ती सरकारों के समय औद्योगिक विकास रुक गया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने नशा मुक्त पंजाब के लिए एक युद्धस्तर की मुहिम शुरू की है। पहले जहाँ लोग नशा तस्करों के खिलाफ बोलने से डरते थे, अब नागरिक इस लड़ाई में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। केवल जन शिकायतों के आधार पर ही 3,500 से अधिक एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं। इसके चलते छोटे-मोटे अपराधों में काफी कमी आई है।
उन्होंने खुलासा किया कि वर्ष 2008-09 के दौरान जानबूझकर राजनीतिक नेताओं के संरक्षण के तहत नशा फैलाया गया था। मौजूदा सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए बड़े अपराधियों को भी जेल भेजा है। साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा को भी सुदृढ़ करने पर ज़ोर दिया गया है। ये वे क्षेत्र हैं जो पिछले 75 वर्षों से उपेक्षित थे।
अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि आगामी छह महीनों में पंजाब के सभी 166 कस्बों और शहरों को व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से पूरी तरह बदल दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सात शहरों की मुख्य सड़कों को यूरोपीय मानकों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय वास्तुविदों द्वारा दोबारा बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में नई सड़कें बनाई जाएंगी, तालाबों की सफाई होगी और नए स्टेडियम तैयार किए जाएंगे। उन्होंने पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त सेवाएं देने के उद्देश्य से आसान पंजीकरण और जमींदारी पोर्टल जैसी वित्तीय सुधारों की भी जानकारी दी।
अरविंद केजरीवाल ने दोहराया कि राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी हैं। उन्होंने उद्योगपतियों से भावनात्मक रूप से जुड़कर सहयोग करने की अपील करते हुए कहा, “सिर्फ अपना पैसा न लगाएं — रंगला पंजाब बनाने के लिए दिल और आत्मा से जुड़ें।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार प्रत्येक औद्योगिक पहल को पूरा समर्थन और सहयोग देगी।
समागम में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी अपने संबोधन में उद्योगपतियों की मेहनत, दृढ़ता और समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान के लिए बातचीत और सहयोगात्मक प्रतिक्रिया को आवश्यक बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की खींचतान भरी नीतियों के कारण उद्योग पंजाब से पलायन कर गए थे। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों ने विकास को सुचारू बनाने के बजाय अनावश्यक बाधाएँ खड़ी कीं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचे जैसे अहम क्षेत्रों को राष्ट्रीय स्तर पर लाने का श्रेय अरविंद केजरीवाल को दिया और कहा, “ये पाँच क्षेत्र हमारी प्राथमिकता में हैं और हम इन्हें सुदृढ़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।”
मुख्यमंत्री ने आप की विकास-केंद्रित राजनीति की तुलना पूर्ववर्ती सरकारों की अवरोधक और शोषणकारी नीतियों से करते हुए कहा कि पहले उद्योगपतियों से जबरन वसूली और धमकियाँ दी जाती थीं। उन्होंने कहा, “आज पंजाब में एक जन-निर्वाचित सरकार है, जो ईमानदारी से उद्योगों की तरक्की और समृद्धि के लिए काम कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने प्रमुख उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए पंजाब की खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, ऑटो कंपोनेंट, हैंड टूल, साइकिल निर्माण, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि मार्च 2022 से अब तक राज्य को 1.14 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 4.5 लाख से अधिक रोज़गार के अवसर बने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा स्टील और सनातन टेक्सटाइल जैसी बड़ी कंपनियाँ अब पंजाब में निवेश के लिए तैयार हैं।