चंडीगढ़, 29 मई
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता बलतेज पन्नू और नील गर्ग ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के बयान कि मौजूदा सरकार में पुलिस और गैंगस्टरों के बीच सांठगांठ है, की तीखी आलोचना की है।
इस मुद्दे पर बोलते हुए आप नेता बलतेज पन्नू ने कहा, “पंजाब के लोगों ने सुखबीर बादल को इतनी बुरी तरह खारिज किया है कि राज्य में एक लोकप्रिय कहावत बन गई है: डायनासोर वापस आ सकते हैं, लेकिन अब बादल सत्ता में कभी वापस नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि विडंबना है कि सुखबीर बादल, जो कभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बुरा भला बताया करते थे, अब खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए खुद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुखबीर बादल के बयान पर पलटवार करते हुए पन्नू ने कहा, “बादल पुलिस और गैंगस्टरों के बीच सांठगांठ की बात करते हैं, शायद वह भूल गए हैं कि गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पंजाब ऐसे सांठगांठ का गढ़ बन गया था। नाभा जेल ब्रेक जैसी घटनाएं, जहां गैंगस्टर संदिग्ध परिस्थितियों में भाग गए, उनके कार्यकाल में हुई। इसके विपरीत आप सरकार ने त्वरित कार्रवाई और न्याय सुनिश्चित किया है, जहां 24 घंटे के भीतर एक एमसी की हत्या में शामिल सभी अपराधियों की गिरफ्तारी होती है। क्या बादल ऐसा एक भी उदाहरण बता सकते हैं जहां उनकी सरकार ने इतनी कुशलता से काम किया हो?”
आप के वरिष्ठ प्रवक्ता नील गर्ग ने भी अकाली दल पर पंजाब में आपराधिक तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सुखबीर बादल का बयान बेहद हास्यास्पद है। 2007 से पहले पंजाब में गैंगस्टर संस्कृति का कोई इतिहास नहीं था। अकाली सरकार के कार्यकाल में ही माफिया और गैंगस्टरों ने अपनी जड़ें जमाईं। रेत माफिया, भू-माफिया, परिवहन माफिया और यहां तक कि ड्रग्स नेटवर्क भी उनके संरक्षण में ही पनपा। बादलों द्वारा पोषित इन माफियाओं ने पंजाब को अपूरणीय क्षति पहुंचाई।”
गर्ग ने अकाली दल की विरासत और पंजाब के लोगों के प्रति आप सरकार की प्रतिबद्धता के बीच अंतर बताया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार आपराधिक गठजोड़ को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, चाहे वह गैंगस्टर हो, राजनेता हो या पुलिस अधिकारी हो। हम अकाली दल के एक दशक के कुशासन से हुए नुकसान की भरपाई कर रहे हैं। पंजाब में कानून व्यवस्था अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है, जबकि अकाली शासन के दौरान पुलिस कर्मियों के परिवार भी असुरक्षित थे।”
आप नेताओं ने सुखबीर बादल से गलत सूचना फैलाने के बजाय पंजाब की समस्याओं के प्रति अपनी पार्टी के योगदान पर विचार को कहा। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग याद करते हैं कि कैसे अकाली दल उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा करने में नाकाम रहा। वहीं आप सरकार ने एक आशा की किरण जगाई है। इसलिए सुखबीर बादल को जनता को गुमराह करने की कोशिश बंद करना चाहिए और अपनी वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए।