चंडीगढ़–आम आदमी पार्टी (आप) बांग्लादेश में हिंदू पुजारियों की गिरफ्तारी और हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। आप पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ दमन के ऐसे कृत्य बेहद दुखद है। ऐसी घटना दुनिया के किसी भी हिस्से में अस्वीकार्य है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि मीडिया स्रोतों के माध्यम से बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा के बारे में जानकर दिल दहल गया है। किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा सद्भाव और आपसी सम्मान के सिद्धांतों को कमजोर करती है। प्रत्येक राष्ट्र का कर्तव्य है कि वह अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और सह-अस्तित्व की भावना को बनाए रखे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर हिंदुओं की चिंताओं को दूर करने में केंद्र सरकार की ढिलाई और लापरवाही की सख्त आलोचना करती है। हम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के बीच बढ़ती आशंकाओं पर केंद्र सरकार की धीमी प्रतिक्रिया और उदासीनता अस्वीकार्य है। भारत सरकार को तुरंत सक्रिय कदम उठाने चाहिए और इस मामले को बांग्लादेशी सरकार के सामने उठाकर जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीमाओं के पार अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह करती है। अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा राजनीतिक सीमाओं से परे है। इस मामले में हम सभी को घृणित अपराधों और भेदभाव के खिलाफ एकीकृत रुख अपनाने की जरूरत है।
अरोड़ा ने कहा कि भारत ने संकट के समय में लगातार बांग्लादेश का समर्थन किया है, चाहे वह वित्तीय सहायता के माध्यम से हो या क्षेत्र में सामाजिक राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हो। भारत एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में हमेशा बांग्लादेश के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। इस दीर्घकालिक सहयोग के आलोक में बांग्लादेश को अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। बांग्लादेश सरकार को वहां के हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपने प्रवासी भारतीयों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए और इन गंभीर मामलों के समाधान के लिए राजनयिक चैनलों का उपयोग करना चाहिए। यदि सरकार निर्णायक रूप से कार्य करने में विफल रहती है, तो यह केवल उसकी उदासीनता और अक्षमता को उजागर करेगी।