चण्डीगढ़ : पंजाब के रसूखदार तलवंडी परिवार से जुड़े अकाली नेता स. गुरजीत सिंह तलवंडी को सर्वसम्मति से ऑल इंडिया जाट महासभा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। संस्था के 125 साल पुराने इतिहास में वे सबसे कम उम्र में ये उपलब्धि हासिल करने वाले पहले नेता हैं। उनकी नियुक्ति से पंजाब में लोकसभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को भी काफी लाभ मिलना तय है।
1907 में सर छोटू राम द्वारा स्थापित अखिल भारतीय जाट महासभा, जाट समुदाय की सबसे पुरानी और बड़ी प्रतिनिधि संस्था है, जो देश के उत्तरी और मध्य बेल्ट में बहुसंख्यक समुदाय है। गुरजीत सिंह तलवंडी अकाली दिग्गज और पूर्व एसजीपीसी अध्यक्ष जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी के पोते हैं और वर्तमान में एसएडी के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा आजकल फतेहगढ़ साहिब में शिअद के चुनाव प्रभारी भी हैं।
गुरजीत सिंह तलवंडी ने उस समय शिरोमणि अकाली दल में एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे, जब उन्होंने पंजाब के 12,756 पंचायतों के विघटन किए जाने पर आप सरकार के खिलाफ एक पीआईएल दाखिल की और सरकार को अपनी अधिसूचना वापस लेने के लिए मजबूर किया, जिससे सरकार को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। आप सरकार के इस यू-टर्न ने शिरोमणि अकाली दल को अपने अभियान में बहुत जरूरी गति प्रदान की, जबकि तलवंडी ने अपनी स्थिति को मजबूत किया।
चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गुरजीत सिंह तलवंडी ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि समय की आवश्यकता है कि जाट समुदाय को मजबूत और एकजुट करें और अगली पीढ़ी के नेतृत्व को तैयार करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियां न केवल जाट समुदाय को आर्थिक रूप से उखाड़ रही हैं बल्कि पारंपरिक जाट बहुल राज्यों में भी शीर्ष पदों के लिए जाट नेतृत्व की अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि खेतिहर संस्कृति में जड़ें रखने वाली पारंपरिक क्षेत्रीय पार्टियों को मजबूत करना इसका उत्तर है। तलवंडी ने कहा कि वे जाट परस्ती और पंजाब परस्ती के लिए समर्पित होकर काम कर रहें हैं। उन्होंने बताया कि किसानों की भलाई के लिए कार्यरत हैं और आने वाले समय में उनसे जुड़े मुद्दों को आगे बढ़ाएंगे।