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PM Modi Speech Highlights : संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सेंट्रल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत गणेश चतुर्थी की शुभकामनाओं के साथ की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम संसद के नए संसद भवन में न सिर्फ प्रवेश करने जा रहे है बल्कि अपने (देश के) नए भविष्य का श्री गणेश भी करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को दोहराते हुए, संकल्पबद्ध होकर और उसे पूरा करने के इरादे से नए भवन में प्रवेश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये भवन और यह सेट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है और हमें भावुक भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें हमारे कर्तव्य के प्रति यह प्रेरित करता है। 1947 में यहीं पर अंग्रेजी हुकूमत ने भारत को सत्ता हस्तांतरण किया और ये सेंट्रल हॉल इसका गवाह है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहीं हमारे तिरंगे और राष्ट्रगान को भी अपनाया गया।
#WATCH | Special Session of Parliament | PM Narendra Modi says, “Today, we are going to have the beginning of a new future in the new Parliament building. Today, we are going to the new building with the determination to fulfil the resolve of a developed India.” pic.twitter.com/FNuI8c4lzz
— ANI (@ANI) September 19, 2023
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर करीब 4,000 से ज्यादा कानून पास किए। जरूरत पड़ने पर इसके लिए ज्वॉइंट सेशन भी बुलाए गए। आतंक से लड़ने के लिए कानून, बैंकिंग सर्विक कमीशन बिल, दहेज रोकथाम कानून समेत कई बिल संयुक्त सत्र के जरिए पास किए गए। मुस्लिम बहन-बेटियों को तीन तलाक से मुक्ति यहीं कानून बनाकर दिलाई गई। शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी-पाटी पर चल गई थी, उस गलती को भी इसी सदन ने ठीक किया। उन्होंने आगे कहा कि इसी सदन से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया और जम्मू-कश्मीर आज तेजी से शांति और विकास की ओर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत आज नई ऊर्जा से भरा हुआ है। घटना क्रमों पर एक के बाद एक नजर डालें तो हर एक घटना इस बात की गवाह है कि भारत एक नई चेतना के साथ आज जाग उठा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्प में यही चेतना और ऊर्जा बदल सकती है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अमृत काल के 25 साल में भारत को एक बड़े कैनवास पर काम करने की जरूरत है। छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय अब हमारे लिए खत्म हो गया है। हमें भारत को आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को सबसे पहले पूरा करना है। यही समय की मांग और हम सभी का कर्तव्य भी है। इस लक्ष्य को हासिल करने में पार्टियां आड़े नहीं आनी चाहिए। देश के लिए सिर्फ दिल चाहिए।
साथ ही सेंट्रल हॉल से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम नए संकल्प के साथ टॉप थ्री की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया इस बात को लेकर आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 अर्थव्यस्था में शामिल होकर रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत पर आज दुनिया की नजर है। दुनिया आज भारत में अपना मित्र खोज रही है और भारत विश्वमित्र के रूप में आगे बढ़ रहा है।
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