चंडीगढ़, 23 नवंबर। Poisonous Liquor Scandal Case: हरियाणा के यमुनानगर में हुए जहरीली शराब कांड को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहली बार गुरुवार को मीडिया के सामने आए। मुख्यमंत्री ने इस मामले में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि अब तक दोषियों के लाइसेंस रद्द करके उन्हें ढाई करोड़ रुपये जुर्माना किया गया है।
यमुनानगर में जिस समय जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल यमुनानगर जिले के दौरे पर ही थे। इस केस को लेकर अंबाला व यमुनानगर की पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से इस मामले में एल-13 लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा आरोपी को दो करोड़ 51 लाख रुपये जुर्माना किया गया है। इसकी रिकवरी लैंड रेवेन्यू के आधार पर की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यमुनानगर में तीन केस दर्ज करके 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि अंबाला में तीन केस दर्ज करके 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस केस में अब तक 25 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। सीएम ने बताया कि इस कांड में चार लाइसेंसधारी शामिल हैं। जिनमें मांगे राम, अमरनाथ, गौरव कंबोज, सुशील कुमार शामिल हैं। इन चारों को डिफाल्टर घोषित करके शराब ठेकों के 12 की अलाटमेंट रद्द कर दी गई है। इसके अलावा 41 सब वेंडर के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। लोगों को भी यह अपील की जा रही है कि वह गैर कानूनी सब वेंडरों से शराब न खरीदें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने ठोस कदम उठाकर यह प्रयास किया है कि भविष्य में ऐसी कोई भी गलती दोबारा न हो सके।
जहरीली शराब पीने के कारण मरने वालों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता देते हुए 11 लोगों के परिवारजनों के बैंक खातों में 38 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता राशि दी गई। यह सहायता राशि दयालु योजना के तहत निर्धारित विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार दी गई है। इन 11 लाभार्थियों में से 4 सदस्यों के परिवारों को 5 लाख रुपये और 6 सदस्यों के परिवारों को 3 लाख रुपये की राशि भेजी गई है।