जज्बे को सलाम: उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन मिली बड़ी सफलता, जिंदगी की जंग जीते श्रमिक

Big success achieved on 17th day in Uttarkashi Tunnel accident- देहरादून। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल हादसे में मंगलवार को 17वें दिन उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब रेस्क्यू टीम ने सभी 41 मजदूरों को सकुशल बहार निकाल लिया। जिंदगी की जंग जीतने के बाद सभी मजदूरों के चेहरे पर खुशी नजर आई। दरअसल, ३९९ घंटे के बाद मंगलवार रात करीब साढ़े सात बजे मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब पौने नौ बजे तक सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

सुरंग से बाहर आए सभी मजदूरों को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पहले माला पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद सीएम धामी ने मजदूरों से काफी देर तक बात कर उनका हालचाल जाना। सुरंग से बाहर आए मजदूरों को तैनात ऐंबुलेंस के जरिये चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां 41 बिस्तरों का एक अलग वार्ड बनाया गया था, जहां मेडिकल टीम ने मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की। जिसमें सभी मजदूर स्वस्थ मिले।

सुरंग के बाहर मौजूद लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जवान और वहां मौजूद लोगों को मिठाई बांटी। सीएम धामी ने कहा कि सभी मजदूरों को उत्तराखंड सरकार की ओर से कल एक-एक लाख रुपए की मदद दी जाएगी। उन्हें एक महीने का सवेतन अवकाश भी दिया जाएगा, जिससे वह अपने परिवार वालों से मिल सकें।

7.50 बजे पहला मजदूर आया बाहर: दिवाली पर जब पूरा देश रोशनी में नहाया हुआ था, तब 41 मजदूर एक अंधेरी सुरंग में कैद हो गए। ये मजदूर चार धाम के लिए नया रास्ता बना रहे थे। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल का एक हिस्सा अचानक ढह गया और सभी मजदूर बाहरी दुनिया से कट गए। रेस्क्यू एजेंसियों ने मजदूरों को बचाने की कवायद शुरू की। एक प्लान फेल हुआ, तो दूसरे पर काम शुरू हुआ। कभी सुरंग के मुहाने से तो कभी पहाड़ के ऊपर से खुदाई करके मजदूरों को निकालने की कोशिश की जाती रही। 12 नवंबर की सुबह 5.30 से 28 नवंबर की शाम 8.35 बजे तक यानी 17 दिन, करीब 399 घंटे बाद। पहला मजदूर शाम 7.50 बजे बाहर निकाला गया था। 45 मिनट बाद रात 8.35 बजे सभी को बाहर निकाल लिया गया। सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया।

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