चुनौतियों के बावजूद सुचारू खरीद सत्र सुनिश्चित किया गया: लाल चंद कटारुचक्क

चंडीगढ़, 3 दिसंबर:

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी और जनहितैषी सोच के चलते, पंजाब सरकार हमेशा आढ़तियों, किसानों, मिल मालिकों और मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है। ये राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और गेहूं व धान के खरीद सत्रों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा मौजूदा धान खरीद सत्र में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा करते हुए, विभाग के मंत्री श्री लाल चंद कटारुचक्क ने इस सत्र की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यालय और जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की सराहना की।

आज यहां जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद, पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने बताया कि धान खरीद सत्र अब लगभग समाप्त हो चुका है। राज्य सरकार ने कुल 173.65 लाख मीट्रिक टन धान में से 173.50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कर ली है। मंत्री ने कहा कि किसानों के खातों में 39,000 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं। पठानकोट, मोहाली और रूपनगर जिलों में  मिलिंग प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

भंडारण क्षमता के मुद्दे पर मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार तरीके से उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अतिरिक्त भंडारण क्षमता उपलब्ध कराने में पंजाब की मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में हर महीने 15 लाख मीट्रिक टन चावल राज्य से बाहर भेजा जा रहा है।

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान में राशन कार्ड सत्यापन के संबंध में ई-केवाईसी सर्वेक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि कुल 1.57 करोड़ लाभार्थियों में से 1.06 करोड़ लाभार्थियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शेष लाभार्थियों से भी अपील की गई है कि वे ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें, ताकि कोई भी वास्तविक और जरूरतमंद लाभार्थी प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं प्राप्त करने के लाभ से वंचित न रहे।

श्री कटारुचक्क ने विभाग के अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि मौजूदा सत्र की सफलता और अनुभवों से सीख लेकर अगले सत्र में और बेहतर प्रदर्शन और कार्यक्षमता सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव विकास गर्ग, निदेशक पुनीत गोयल, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और डीएफएससी मौजूद थे।

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