Thursday, August 21, 2025
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कोई ज़बरदस्ती नहीं, सिर्फ़ निरपेक्षता – भगवंत मान सरकार ने किसानों को उनकी मर्ज़ी और लाभ से बनाया सशक्त: हरपाल चीमा

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चंडीगढ़, 22 मई

पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण पहलकदमी के अंतर्गत तैयार की गई एक नवीन लैंड्ड पुल्लिंग नीति का ऐलान किया जो राज्य भर में पारदर्शी और योजनाबद्ध शहरी विकास को उत्साहित करेगी। यह नीति पहली भूमि प्राप्ति नीतियों से उलट स्वैच्छिक हिस्सेदारी को प्राथमिकता देते हुये भू-मालिकों को राज्य की तरक्की में सक्रिय हिस्सेदार बनने की शक्ति प्रदान करती है।

पंजाब भवन में एक प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने नीति के 100 प्रतिशत स्वैच्छिक हिस्सेदारी के मुख्य सिद्धांत पर रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि इस दूरदर्शी नीति के अंतर्गत धक्केशाही से कोई ज़मीन प्राप्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार की तरफ से एक ऐसा माडल विकसित किया है जो राज्य के किसानों और ज़मीन मालिकों के अधिकारों और इच्छाओं का सम्मान करता है।

वित्त मंत्री ने इस नीति के अंतर्गत हिस्सेदार ज़मीन मालिकों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक लाभों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह नीति सीधे तौर पर पंजाब के तेज़ी के साथ शहरीकरन के कारण शहरी क्षेत्रों में किफ़ायती घरों की बढ़ रही माँग को संबोधित करती है। उन्होंने कहा कि बाज़ार के अनुमानों के अनुसार इस लैंड्ड पुल्लिंग नीति में शामिल होने वाले किसान अपने ज़मीनी निवेश पर 400 प्रतिशत तक वापसी प्राप्त करेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की विकास एजेंसियाँ इस नीति के अंतर्गत प्राप्त हुई ज़मीन का विकास करेंगी, जिससे सड़कों, जल स्पलाई, सिवरेज, ड्रेनेज और बिजली समेत आधुनिक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था को यकीनी बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक बार विकसित होने के बाद वह ज़मीन, जो असली ज़मीन मालिकों को उनके योगदान के अनुसार वापस की जायेगी, की कद्र काफ़ी बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि ज़मीन मालिकों के पास अपनी विकसित ज़मीन का प्रयोग, निजी प्रयोग के लिए हो या बिक्री के लिए जैसे वह उपयुक्त समझें, करने की स्वायत्तता होगी।

वित्त मंत्री चीमा ने इस नीति को भू-माफिया और ग़ैर-कानूनी कॉलिनियों और ज़बरदस्ती भूमि प्राप्ति के युग विरुद्ध एक निर्णायक झटका करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों से कांग्रेस, अकाली- भाजपा सरकारें भू-माफिया के साथ मिलीभुगत के साथ काम कर रही थीं और किसानों की कीमत पर अपने सहयोगियों को अमीर बना रही थीं। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि इस नीति उस भ्रष्ट प्रणाली को ख़त्म कर देगी।

उन्होंने विरोधी पार्टियों की उनके ‘‘मगरमच्छ के आसू’’ और पंजाब में शहरी विकास में क्रांति लाने और भूमि मालिकों को सशक्त बनाने के लिए ‘आप’ सरकार के यतनों के विरुद्ध आम लोगों को गुमराह करने की कोशिशों के लिए कड़ी आलोचना की। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि इन पार्टियों का गुस्सा उनके सहयोगी भू-माफिया को बचाने की एक स्पष्ट कोशिश है। उन्होंने कहा कि इनके कार्यकाल के दौरान किसानों से अनगिनत एकड़ ज़मीन ज़बरदस्ती से छीन ली गई और बाद में डिवैलपरों और बिल्डरों को बहुत ज़्यादा लाभ के लिए बेच दी गई। वित्त मंत्री ने कहा कि यह पार्टियाँ डरी हुई हैं कि ‘आप’ सरकार की इस भूमि पुल्लिंग नीति को पंजाब के सभी बड़े शहरों तक बढ़ाने की योजना राज्य के अंदर किफ़ायती और विश्व स्तरीय रिहायश को यकीनी बनाने के साथ-साथ इन पार्टियों के लाभ वाले भ्रष्ट नैटवर्क को भी ख़त्म कर देगी।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार यह यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है कि शहरी विकास के लाभ आम लोगों तक पहुँचें, न कि सिर्फ़ कुछ चुनिंदा लोगों तक। उन्होंने कहा कि यह नीति पारदर्शी शासन और बराबरी वाले विकास के प्रति ‘आप’ सरकार के समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा पंजाब बना रहे हैं जहाँ सभी की सांझी खुशहाली हो और हमारे किसानों और मज़दूर वर्ग के नागरिकों का शोषण बीते समय की बात बन जाये।

किसानों के लिए लैंड्ड पुल्लिंग नीति के बेमिसाल लाभः (व्याख्या)

नयी लैंड्ड पुल्लिंग नीति की तुलना पुरानी लैंड्ड ऐकुआजीशन नीति के साथ करने पर नीति के लाभ स्पष्ट होते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि एक एकड़ ज़मीन का मार्केट रेट 1. 25 करोड़ रुपए है, तो पुरानी नीति के अंतर्गत, इसको 1. 2 करोड़ रुपए में प्राप्त किया जायेगा, जो इस ज़मीन के 30 लाख रुपए के कुलैकटर रेट को 2 के गुणांक (ग्रामीण क्षेत्रों के लिए) के साथ गुणा करके और 100 प्रतिशत मुआवज़ा के जोड़ने के उपरांत बनी कुल कीमत है।

इसके विपरीत लैंड्ड पुल्लिंग नीति के अंतर्गत ज़मीन मालिक को एक एकड़ ज़मीन का योगदान डालने के बदले 1000 वर्ग गज का विकसित रिहायशी क्षेत्र और 200 वर्ग गज का व्यापारिक क्षेत्र मिलेगा। रिहायशी क्षेत्रों के लिए 30, 000 रुपए प्रति वर्ग गज और व्यापारिक क्षेत्र के लिए 60, 000 रुपए प्रति वर्ग गज की कीमत मान कर, ज़मीन मालिक को मिलने वाली कुल कीमत लगभग 4.2 करोड़ रुपए (1000 वर्ग गज  x 30,000 रुपए + 200 वर्ग गज x 60, 000 रुपए) होगी। इससे लैंड्ड पुल्लिंग नीति का महत्वपूर्ण लाभ स्पष्ट तौर पर जाहिर होता है।

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