Thursday, August 21, 2025
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एमएसपी भुगतान धोखाधड़ी: पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन की ओर से अनाज खरीद पोर्टल से छेड़छाड़ के आरोप में चार गिरफ्तार

Date:

चंडीगढ़, 9 जनवरी

डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों पर साइबर क्राइम के खिलाफ जारी अभियान के तहत, पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन ने अनाज खरीद पोर्टल से छेड़छाड़ करने वाले चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भुगतान संबंधी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। वर्णनीय है कि उक्त आरोपी किसानों को की गई फसल की अदायगी को अपने खातों में ट्रांसफर करने के अपराध में शामिल थे।
यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजीपी) साइबर क्राइम डिवीजन वी. नीरजा ने दी।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मनीश, जसवीर सिंह, अंग्रेज सिंह और बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने धोखाधड़ी करने के लिए इस्तेमाल किए गए डिजिटल उपकरण और राउटर भी बरामद कर लिए हैं।

एडीजीपी वी. नीरजा ने बताया कि उक्त दआरोपी अत्याधुनिक तरीकों की मदद से किसानों के मोबाइल नंबरों को अपने मोबाइल नंबरों से बदलकर किसानों के खातों में आने वाली फसल की अदायगी को धोखे से अपने खातों में ट्रांसफर करते थे और फिर काम हो जाने के बाद किसानों के बैंक खाते की जानकारी को अपडेट कर देते थे।

उन्होंने आगे बताया कि अपने इस अपराध का पर्दाफाश होने से बचने के लिए उक्त आरोपी भुगतान की प्रक्रिया के तुरंत बाद खाते के असली विवरण बहाल कर देते थे। उन्होंने बताया कि घोटाले में शामिल अन्य दोषियों को पकड़ने के लिए राज्य स्तरीय कार्रवाई की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, खाद्य और सिविल आपूर्ति विभाग, पंजाब से शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें यह सामने आया कि कुछ किसानों को धान के सीजन 2024 के दौरान अपनी फसलों की अदायगी प्राप्त नहीं हुई। इस मामले की जांच से पता चला कि इन किसानों को की गई अदायगी विभिन्न व्यक्तियों के अलग-अलग बैंक खातों में जमा हो गई है।

एडीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान आईपी रिकॉर्ड और अन्य डेटा और बैंक खातों संबंधी जानकारी को खंगाला गया, जिसमें अनाज खरीद पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच और धोखाधड़ी से विभिन्न खातों में फसल की अदायगी ट्रांसफर किए जाने का खुलासा हुआ।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जिला एसएएस नगर से फर्जी पहचान पर एक मोबाइल नंबर और एक मोबाइल उपकरण खरीदा गया था, जिसका उपयोग अनाज खरीद पोर्टल पर किसानों के बैंक खातों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए ओटीपी प्राप्त करने के लिए किया गया था। यह गिरोह श्री मुक्तसर साहिब के दूर-दराज इलाकों से अपना काम चला रहा था। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने और किसानों के बैंक रिकॉर्ड को बदलने के उद्देश्य से आरोपियों ने इंटरनेट कनेक्शन भी लिया हुआ था।

एडीजीपी वी नीरजा ने कहा कि इंस्पेक्टर जुझार सिंह, इंस्पेक्टर दीपक भाटिया और एसआई रणजीत के नेतृत्व वाली साइबर क्राइम डिवीजन की तीन टीमों ने आरोपियों का पता लगाने के लिए विभिन्न ओएसआईएनटी तकनीकों का उपयोग किया, जिसके आधार पर जिला मोगा और जिला श्री मुक्तसर साहिब के क्षेत्रों से चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने कहा कि अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता के बारे में पता लगाने के लिए गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने इस मामले में मंडी बोर्ड या खाद्य आपूर्ति विभाग के किसी भी कर्मचारी और आढ़तियों की मिलीभगत को खारिज न करते हुए कहा कि यह संभव है कि कर्मचारियों द्वारा घोटाले के मास्टरमाइंडों के साथ अनाज खरीद पोर्टल के बारे में संवेदनशील और तकनीकी खामियों की जानकारी साझा की गई हो। उन्होंने कहा कि इस मामले के बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता (आईपीसी) की धारा 318(4), 336(2), 336(3), 338 340(2) और 61(2) और आईटी एक्ट की धारा 66सी और 66डी के तहत थाना स्टेट साइबर क्राइम, पंजाब में एफआईआर दर्ज की गई है।

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