Monday, August 25, 2025
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पंजाब मंडी बोर्ड सचिव ने संगरूर जिले में चल रहे विकास कार्यों का किया निरीक्षण

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चंडीगढ़ /संगरूर, 24 अगस्त –


 पंजाब सरकार द्वारा विकास परियोजनाओं में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के तहत, पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव श्री रामवीर ने आज संगरूर जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की।इस अवसर पर उनके साथ पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज़ एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्री दलवीर सिंह ढिल्लों, धूरी की मार्केट कमेटी के चेयरमैन श्री राजवंत सिंह घुल्ली, पंजाब मंडी बोर्ड के मुख्य इंजीनियर श्री गुरिंदर सिंह चीमा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अपने दौरे के दौरान उन्होंने धूरी में नए उपमंडल अस्पताल और मातृ-शिशु अस्पताल के निर्माण कार्य, विभिन्न लिंक सड़कों और गांव सत्ताेज में अनाज मंडी के निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान ने सार्वजनिक धन के सर्वोत्तम उपयोग के लिए ग्रामीण सड़कों के ज़रूरत-आधारित निर्माण हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के इस्तेमाल पर बल दिया है। पूरे राज्य में किए गए स्मार्ट रोड सर्वेक्षण के ज़रिए तकनीक का इस्तेमाल कर शिक्षा, पुलिसिंग और कृषि जैसे क्षेत्रों में बदलाव लाया गया है और ₹383 करोड़ की बचत हुई है।

मुख्यमंत्री ने पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकारियों को सभी विकास परियोजनाओं में गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को मज़बूत और उन्नत करने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया, ताकि लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके। सड़क निर्माण की रणनीति सावधानीपूर्वक बनाई गई है, जिसमें उन सड़कों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनकी पिछले छह वर्षों से मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं हुआ है।

स्मार्ट गवर्नेंस की ओर राज्य के बदलाव पर प्रकाश डालते हुए श्री रामवीर ने कहा कि तकनीक, पारदर्शिता और जवाबदेही पंजाब प्रशासन की कार्यप्रणाली को नई दिशा दे रही है। पहले सड़कों की मरम्मत पर बिना उचित जांच-परख के करोड़ों रुपये खर्च हो जाते थे। पहली बार राज्यभर में एक व्यापक एआई-आधारित सर्वे और वीडियोग्राफी की मदद से 3,369 सड़कों की जांच की गई, जिनमें से 843 सड़कें अच्छी स्थिति में पाई गईं। इससे ₹383 करोड़ की बचत हुई, जिसे अब लोक कल्याण परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा, और अनावश्यक निविदाओं व भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

उन्होंने घोषणा की कि राज्यभर में ऐसे निरीक्षण किए जाएंगे ताकि गुणवत्ता और पारदर्शिता बरकरार रहे। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि सड़कों के साथ फुटपाथ (बर्म) का निर्माण अनिवार्य रूप से किया जाए, जिससे सुरक्षा और सुगमता सुनिश्चित हो सके।

चेयरमैन दलवीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने ठेकेदारों को विकास और निर्माण कार्यों में उच्च मानक बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। अब ठेकेदारों को परियोजना पूर्ण होने के बाद पांच वर्षों तक सड़कों और इमारतों की देखभाल करनी होगी, जिससे दीर्घकालिक जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सड़कों के रणनीतिक विकास हेतु एआई के इस्तेमाल की मंज़ूरी दी है, जिससे संसाधनों का कुशल उपयोग हो सके और उच्च-गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा सके। यह नवाचार सड़क निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और लागत में भारी कमी करेगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण सड़कों को अपग्रेड, मज़बूत और चौड़ा करने का निर्णय लिया है, जिससे पंजाब में कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।

श्री राजवंत सिंह घुल्ली ने निवासियों से अपील की कि वे निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही सामग्री की गुणवत्ता पर ईमानदार प्रतिक्रिया दें, क्योंकि सार्वजनिक धन जनता का है।

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