करनाल—-आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बुधवार को करनाल के कल्पना चावला ऑडिटोरियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी शामिल हुए। उन्होंने 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल को याद किया और कहा कि यह आजाद भारत का सबसे बड़ा लोकतंत्र विरोधी कदम था। सीएम ने उस दौरान यातनाएं सहने वाले विपक्षी नेताओं, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में पहुंचे आपातकाल पीड़ितों ने मुख्यमंत्री को उस समय जेलों में हुए अत्याचारों की दास्तां सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे बिना किसी दोष के उन्हें जबरन गिरफ्तार कर जेलों में ठूंस दिया गया और बर्बरता का शिकार बनाया गया। सीएम ने कहा कि यह ऐसा समय था जब भारतवासियों को अपनी ही जमीन पर गुलामी का एहसास कराया गया।
सीएम ने कहा कि जब देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ, तो उस स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया। उन्होंने बलिदान इसलिए नहीं दिए थे कि उनके परिवार सुरक्षित रहें, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन मिल सके, इसलिए बलिदान दिए थे। लेकिन आजाद भारत में ही 1975 में ऐसा अत्याचार हुआ। जिसने स्वतंत्रता के मायने ही पलट दिए।
सीएम बोले-एक व्यक्ति के अहंकार ने कुचला संविधान
