चंडीगढ़, 30 अप्रैल:
राज्य में कौशल-आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए तकनीकी शिक्षा को उद्योग की जरूरतों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से पंजाब के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने देश भर में अपनी तरह के पहले बी.टेक. इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) प्रोग्राम की शुरुआत करने का ऐलान किया है।
आज यहां पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एम.आर.एस.पी.टी.यू.), बठिंडा और फरीदाबाद की विक्टूरा टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (वी.टी.पी.एल.) के बीच समझौता हस्ताक्षरित किया गया है। यह देश भर में अपनी तरह का पहला प्रोग्राम है, जिसके तहत पहले सेमेस्टर से ही विद्यार्थी उद्योग का हिस्सा बनेंगे और उद्योग कैंपस को यूनिवर्सिटी का डीम्ड कैंपस माना जाएगा।
इस समझौते पर एम.आर.एस.पी.टी.यू. के रजिस्ट्रार डॉ. गुरिंदर पाल सिंह बराड़ और विक्टूरा के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री हरदीप सिंह बांगा ने हस्ताक्षर किए।
स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “यह सिर्फ एक समझौता नहीं है – यह पंजाब के नौजवानों से एक वादा है कि उन्हें थ्योरी से परे वास्तविक-दुनिया के अनुप्रयोगों, अत्याधुनिक तकनीकों और व्यावहारिक अनुभव वाली शिक्षा प्रदान की जाएगी।” उन्होंने कहा कि यह साझेदारी अकादमिक प्रशिक्षण में उद्योगों को शामिल करके पंजाब में तकनीकी शिक्षा में क्रांति लाने पर केंद्रित है, जो बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस समझौते के मुख्य पहलुओं को उजागर करते हुए, स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि बी.टेक. इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) प्रोग्राम चार साल का होगा। इसके पांच सेमेस्टर एम.आर.एस.पी.टी.यू. में करवाए जाएंगे, जिसमें अकादमिक अध्ययन शामिल होगा, और प्रैक्टिकल इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग के आखिरी तीन सेमेस्टर विक्टूरा टेक्नोलॉजीज में करवाए जाएंगे। यह प्रोग्राम 30 विद्यार्थियों के बैच के साथ शुरू किया जाएगा ताकि प्रत्येक विद्यार्थी पर ध्यान देते हुए उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग सुनिश्चित की जा सके।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि विक्टूरा टेक्नोलॉजीज अनुभवी शिक्षा और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एम.आर.एस.पी.टी.यू. कैंपस में एक वी.टी.पी.एल. एडवांस्ड ऑटोमेशन लैब स्थापित करेगी। इस प्रोग्राम के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े होनहार विद्यार्थियों के लिए 50 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता के साथ-साथ औद्योगिक प्रशिक्षण के दौरान मुफ्त आवास, भोजन, स्थानीय परिवहन और वजीफा भी प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की शैक्षिक क्षेत्र की तस्वीर बदलने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, तकनीकी शिक्षा मंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र की भविष्य की जरूरतों के साथ शैक्षिक बुनियादी ढांचे को जोड़ने के लिए सरकार की दूरदर्शी रणनीति पर जोर दिया। राज्य सरकार द्वारा ऐसा अकादमिक मॉडल तैयार किया जा रहा है जो ऑटोमेशन, उन्नत विनिर्माण और रोबोटिक्स की मांगों को पूरा करता है।
शिक्षा, पाठ्यक्रम विकास और फैकल्टी ट्रेनिंग में सक्रिय भागीदारी के लिए विक्टूरा टेक्नोलॉजीज की सराहना करते हुए, स. हरजोत सिंह बैंस ने अन्य उद्योगों से भी राज्य सरकार की शैक्षिक संस्थाओं के साथ भागीदारी करने और राज्य के नौजवानों को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार करने में योगदान करने की अपील की।
इस अवसर पर निदेशक तकनीकी शिक्षा श्री मोनीश कुमार, निदेशक विक्टूरा टेक्नोलॉजीज श्री अमितबीर सिंह बांगा, सी.एस.आर. हेड श्री अजय कुमार सोमवंशी, एम.आर.एस.पी.टी.यू. के प्रोग्राम मेंटर डॉ. संदीप कांसल, कोऑर्डिनेटर डॉ. अमित भाटिया और एम.आर.एस.पी.टी.यू. के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।