इस संबंध में जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि निरंतर ऑडिट आपत्तियों और बकाया वसूली के कारण ट्रांसपोर्ट विभाग को नियमों का पालन सुनिश्चित करने और जवाबदेही बनाए रखने के लिए तुरंत यह कदम उठाना पड़ा।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम-40 का पालन सुनिश्चित करने के लिए और वसूली अभियान के तहत विभाग ने वाहन पोर्टल पर डिफॉल्टर डीलरों की यूज़र आईडी अस्थायी रूप से बंद कर दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में ऐसा अभियान चलाया गया था, जब डिफॉल्टर डीलरों को नोटिस जारी किए गए थे और कुछ डीलरों को निलंबित भी कर दिया गया था। इसके बाद, वर्ष 2023 में दोबारा नोटिस जारी किए गए और डीलरों ने आवश्यक दस्तावेज़ और बकाया टैक्स जमा कराने का आश्वासन दिया लेकिन अधिकांश डीलर अपने वादे पर खरे नहीं उतरे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग मोटर वाहन डीलरशिप पंजीकरण प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदमों पर सक्रिय रूप से निरंतर काम कर रहा है।
इस दौरान, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर श्री जसप्रीत सिंह ने बताया कि फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाड़ा) ने राज्य परिवहन आयुक्त, पंजाब के कार्यालय को औपचारिक निवेदन करते हुए मार्केट में बहुत सारे सब-डीलरों के कामकाज को लेकर चिंताएं उजागर की थीं कि उनके व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस निवेदन पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने जांच की और पहचाने गए कई डिफॉल्टर डीलरों को निलंबित किया। इसके अलावा, फेडरेशन ने वाहन पोर्टल पर मोटर वाहन डीलरशिप यूज़र आईडी बनाने को सुव्यवस्थित करने के लिए “एक जीएसटी , एक वाहन” नीति लागू करने का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिसूचना का हवाला देते हुए कार बाज़ारों में पुरानी कारों की बिक्री और परिवहन की पहचान सुनिश्चित करने की सिफारिश की। इस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने इस क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने और पुरानी कारों के डीलरों को कानून के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि 27 नवंबर, 2024 को हुई लोक लेखा समिति की बैठक के दौरान विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक के सभी बकाया टैक्सों की वसूली करने और एक महीने के भीतर समिति को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि नियमों का पालन न करने की स्थिति में संबंधित आरटीओ/आरटीए के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि इन सख्त कदमों के परिणामस्वरूप विभाग ने ऑडिट द्वारा पहचानी गई राशि में से 4.15 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक वसूल किए हैं। इसके अलावा, वर्ष 2017-18 के बाद से लेकर 13.07 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। जिन डीलरों ने अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर ली हैं, जैसे कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना और बकाया राशि जमा करना आदि, उन्हें बहाल कर दिया गया है और अब उन्हें वाहन पोर्टल के माध्यम से वाहनों की बिक्री फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है।
स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने डीलरों से अपील की कि वे सभी कानूनी शर्तों का तुरंत पालन सुनिश्चित करें और कामकाज में किसी भी प्रकार की रुकावट से बचने के लिए विभाग को पूरा सहयोग दें।