पंजाब में डैमों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण 7 जिले बाढ़ की मार झेल रहे हैं। गुरुवार को दोपहर ढाई बजे पौंग डैम के फ्लड गेट खोल दिए गए। सुबह पौंग डैम में पानी डेंजर लेवल 1390 फीट को क्रॉस कर 1396 फीट तक पहुंच गया था।
प्रशासन ने लोगों को दरिया से दूर रहने के लिए कहा है। इस बीच CM भगवंत मान ने ब्यास में पहुंचकर बाढ़ प्रभावित एरिया का जायजा लिया। वहीं, बाढ़ में मदद के हाथ आगे बढ़ाते हुए हरियाणा CM नायब सैनी ने पंजाब CM भगवंत मान को मदद के लिए लेटर लिखा है।
फिरोजपुर पहुंचे सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि पीछे से इतना पानी आ रहा है, जितना पहले कभी नहीं आया। 1988 और 2023 के मुकाबले पानी अधिक है। पानी का फ्लो इतना ज्यादा है कि डैम इसे संभाल नहीं पा रहे, जिससे स्थिति को काबू करना मुश्किल हो रहा है।
उधर, बाढ़ में बहने से माधोपुर में 2 और गुरदासपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पठानकोट में गुर्जर परिवार के 3 लोग लापता हैं। यहां एक बच्ची का शव मिला है।
सबसे खराब हालात पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का में हैं। यहां के करीब 150 से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित हो चुके हैं। कई इलाकों में 5 से 7 फुट तक पानी है।
फिरोजपुर में 2000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर राहत कैंपों में पहुंचाया गया। सेना, एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बाढ़ प्रभावित एरिया में जमीन और पानी में चलने वाले वाहनों को उतारा गया है।
अमृतसर के अजनाला में बाढ़ प्रभावित गांवों की गिनती 15 से बढ़कर 25 हो गई है। यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रावी का जलस्तर लगातार बढ़ने से अमृतसर के कुछ गांव खाली कराए गए हैं।
हिमाचल और जम्मू में हुई बारिश के कारण तलवाड़ा पौंग बांध का जलस्तर सुबह ही खतरे के निशान 1390 फीट से बढ़कर 1396 फीट तक पहुंच गया था। इसे देखते हुए बीबीएमबी ने दोपहर को फ्लड गेट खोलने का फैसला लिया।
पठानकोट के रणजीत सागर बांध का जलस्तर भी खतरे के निशान 527 फीट के करीब पहुंच चुका है। हालांकि, अभी ये खतरे के निशान से नीचे है, फिर भी इसके 4 गेट खोले गए हैं।