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Crude Oil Production: अक्टूबर 2023 में भारत को एक खुशखबरी मिली है, खुशखबरी जुड़ी है कच्चे तेल से। दरअसल पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल यानि (PPAC) ने ऐसे आंकड़ों को सभी के सामने रखा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद शानदार हैं। दरअसल हुआ यह है कि अक्टूबर के महीने में भारत ने 2.5 मिलियन मेट्रिक टन कच्चे तेल का प्रोडक्शन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 1.3 फ़ीसदी ज़्यादा है।
India’s liquefied natural gas (#LNG) imports rose in October compared to the same month last year, according to the preliminary data from the oil ministry’s Petroleum Planning and Analysis Cell. #lngprime https://t.co/llyeazQasT pic.twitter.com/Q79HdhnNCK
— LNG Prime (@LngPrime) November 23, 2023
अक्टूबर 2023 में इंपोर्ट हुआ ज्यादा ऑयल
वहीं Petroleum Planning & Analysis Cell (PPAC) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस 2.5 मिलियन मेट्रिक टन में ओएनजीसी ने 1.6 एमएमटी, ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 0.3 एमएमटी और प्राइवेट सेक्टर के कंपनियों ने 0.6 एमएमटी का योगदान दिया है। पिछले 4 महीनों से भारत कच्चे तेल का आयात कम कर रहा था, लेकिन अक्टूबर 2023 महीने में आयात के आंकड़ों में वृद्धि हुई है। इसकी पीछे की वजह बताई जा रही है कि भारत में सर्दी का माहौल आ गया है और डिमांड को पूरा करने के लिए यह जरूरी है। इसके अलावा PPAC के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल की तुलना में अक्टूबर 2023 के महीने में 2.2 फ़ीसदी की ग्रोथ इंपोर्ट में देखी गई।
ये है इंपोर्ट किए गए तेल के बिलों का हाल
अब थोड़ा आपको इंपोर्ट किए गए तेल के बिल के बारे में जानकारी दे देते हैं। दरअसल अक्टूबर 2023 में नेचुरल और गैस का इंपोर्ट बिल 11.8 बिलियन डॉलर का था, और ठीक 1 साल पहले यानी अक्टूबर 2022 में यह 11.1 बिलियन डॉलर का था। वहीं कच्चे तेल का इंपोर्ट 11.7 बिलियन डॉलर के अलावा लिक्वेफाइड नेचुरल गैस का इंपोर्ट 1.02 बिलियन डॉलर के साथ एक्सपोर्ट 3.6 बिलियन डॉलर का रहा। ये सभी आंकड़े अक्टूबर 2023 के हैं।
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फेस्टिव सीजन से भी बढ़ी है डिमांड
UBS analyst Giovanni Staunovo ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा है कि, जैसे हम साल के आखिर में जा रहे हैं तो डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है। इसलिए हमें ज्यादा इंपोर्ट क्रूड ऑयल को करने की जरूरत है, जिससे अपनी डिमांड पूरी कर सकें। साल दर साल घरेलू डिमांड में इजाफा हो रहा है, जो देश की इकॉनमी के लिए अच्छा है।
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