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Ganesh Chaturthi 2023: आज से 10 दिनों तक चलने वाले गणेश चतुर्थी का त्योहार शुरू होने जा रहा है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या फिर गणेश महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन चांद को अर्घ्य देकर पूजा शुरू होती है। वहीं उत्तर भारत में गणेश चतुर्थी के दिन चांद को न देखने की परंपरा है। इस दिन चांद देखना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि चतुर्थी का चांद देखने से कलंक लगता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गणेश भगवान ने चांद को यह श्राप दिया कि जो भी इस दिन चांद का दीदार करेगा उसे कलंक लगेगा। गणेश पुराण के अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण ने भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन आसमान में नजर आ रहे खूबसूरत चांद को देख लिया और फिर कुछ ही दिनों बाद ही उन पर हत्या का झूठा आरोप लग गया।
श्रीकृष्ण को बाद में नारद मुनि ने ये बताया कि ये कलंक उन पर इसलिए लगा है, क्योंकि उन्होंने चतुर्थी के दिन चांद देख लिया। अगर आपने चांद देखने की गलती कर दी है तो इस दिन भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुने और पाठ करें। या फिर मौली में 21 दूर्वा बांध कर मुकुट बनाएं और उसे गणेश जी को पहनाएं।
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गौरतलब है कि गणपति को अपने पिता भगवान से वरदान मिला था कि सभी शुभ कामों में पहला निमंत्रण उन्हें दिया जाएगा। इसी के साथ गणेश जी को प्रथम निवेदन भगवान भी मानते हैं जो भक्तों के कष्ट एक ही पुकार में दूर कर देते हैं। 19 सितंबर से शुरू होकर 28 सिंतबर तक गणेश उत्सव का त्योहार धूमधाम से पूरे देश में मनाया जाएगा।
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गणेश चतुर्थी के दिन घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसके बाद पूरे दस दिन उसकी पूजा की जाती है और आखिरी दिन इस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर यानी आज से शुरू होकर 28 सिंतबर तक मनाया जाएगा, जिसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को 10वें दिन विसर्जित किया जाएगा है। शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं।
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