चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के आठ पी.एच.डी. शोधार्थियों को फसल मॉडलिंग और जलवायु परिवर्तन शमन, आणविक प्रजनन, जीनोम संपादन और बीज उत्पादन तकनीकों पर एक अंतरराष्ट्रीय उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया है।
यह जानकारी देते हुए कुलपति डाक्टर डी.के.वत्स ने कहा कि विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई), फिलीपींस में एक महीने का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह अवसर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत उन्नत कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र का हिस्सा है। अब तक, 36 छात्रों को हाल के महीनों में अंतर्राष्ट्रीय अनुभव और प्रशिक्षण मिला है।
फिलीपींस के लिए प्रस्थान करने से पहले, शोधार्थी विद्यार्थियों ने कुलपति डाक्टर वत्स से मुलाकात की, जिन्होंने सभी को विभिन्न क्षेत्रों में नई तकनीकों को सीखने और कृषि में गुणवत्ता अनुसंधान को बढ़ाने और उच्च प्रभाव अनुसंधान प्रकाशन लाने के लिए इन प्रौद्योगिकियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह प्रशिक्षण जलवायु संबंधी अनिश्चितताओं और संसाधनों की उपलब्धता के तहत कृषि इनपुट और संसाधनों के प्रबंधन के लिए नए रास्ते खोलेगा।
पी.एच.डी. शोधार्थियों में सस्य विज्ञान विभाग से भारत भूषण राणा, मृदुला, शबनम कुमारी व से सचिन और आनुवंशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग से मनोज कुमार सैनी, शिवानी भाटिया और परीक्षित और सब्जी विज्ञान और पुष्प विभाग से अंकित कुमार ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डाक्टर नवीन कुमार भी मौजूद रहे।
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