चंडीगढ़, 16 जुलाई:
बाल विवाह रोकथाम अभियान के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों के तहत हाल ही में गुरदासपुर ज़िले में बाल विवाह के दो मामलों को सफलतापूर्वक रोका गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई (डी सी पी यू ), सीडीपीओ, बाल कल्याण समितियों और चाइल्ड हेल्पलाइन टीमों द्वारा समन्वित और तेज कार्रवाई करते हुए ये दोनों बाल विवाह — गांव सहाणे चक्क (ब्लॉक कलानौर) और गांव गाधियां पन्याड (ब्लॉक गुरदासपुर) में रोके गए।
डॉ. बलजीत कौर ने यह स्पष्ट किया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह दंडनीय अपराध है। जैसे ही संभावित बाल विवाह की जानकारी मिली, तुरंत हस्तक्षेप करते हुए दोनों परिवारों को कानून, बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य पर बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया गया।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बाल विवाह की घटनाओं को जड़ से समाप्त करने हेतु लगातार जन जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि पंजाब को एक प्रगतिशील और बच्चों के लिए सुरक्षित भविष्य वाला राज्य बनाया जा सके।
परिवार के सदस्यों ने अधिकारियों को सहयोग का भरोसा दिया और बच्चों के विवाह को कानूनी उम्र तक के लिए स्थगित करने की सहमति भी जताई। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए परिवारों और ग्रामीणों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी भी दी गई।
डॉ. बलजीत कौर ने आम जनता से अपील की कि वे जागरूक रहें और यदि अपने आसपास कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिले तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा।