कपूरथला जालंधर रोड मुख मार्ग के पास महाराजा पैलेस के साथ 365 मरले खाली प्लाट पर अलग-अलग राजनितिक पार्टीयों से सबंधित दलित समाज के कुछ नेताओं दुवारा कब्ज़ा करने की नियत के तहत भगवान वाल्मीकि जी महाराज की प्रतिमा को स्थापित कर भगवान् वाल्मीकि जी मंदिर बनाने को दान की गयी जमीन का दावा किया जा रहा है। जिस के बाद असल जमींन मालिक और दलित समाज के कुछ नेताओं में टकराव का महोल पैदा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक इस जमींन को लेकर असल जमींन मालिक और एक अन्य व्यक्ति के बीच पहले से पिछले कुछ वर्षो से माननीय अदालत में केस चल रहा है। जिस के बाद जमीनी विवाद के चलते जिला प्रशासनिक तंत्र कपूरथला ने कानून की धारा 145 लगा रखी है, ताकि जमीनी विवाद को लेकर दोनों पक्षों में कोई विवाद ना हो। हालांकि माननीय नीचली अदालत से मामला असल जमींन के मालिक के हक़ में मालकी का सुनाया दिया है पर अब यह मामला माननीय हाई कोर्ट में विचार अधीन चल रहा है।
अब असल जमींन मालिक ने अपने वकील के साथ कपूरथला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा है कि जमींन विवाद मामला माननीय हाई कोर्ट में चल रहा है और इसकी जानककारी कपूरथला पुलिस को थी। कानून की 145 धारा लगी होने के बाद भी पुलिस की मोजुदगी में कब्ज़ा करवाने के उदेश से भगवान् वाल्मीकि जी की प्रतिमा को बेअदबी करवा कर स्थापना की गयी है। अब जमींन के मालिक ने कपूरथला पुलिस के अधिकारियो के साथ-साथ कब्ज़ा करने वाले अलग-अलग राजनितिक पार्टियों के दलित समाज नेताओं के खिलाफ कानूनी कारवाई की मांग की है।