Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा यू-टर्न लेते हुए साफ कर दिया है कि अमेरिका **रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा में सैनिक नहीं भेजेगा। यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले उन्होंने सैनिक भेजने की संभावना से इंकार नहीं किया था।ट्रंप ने साथ ही कहा कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना असंभव है और रूस से क्रीमिया वापस लेना नामुमकिन इसलिए समझौता करना ही बेहतर है।राजनीतिक हलकों में इसे शांति वार्ता की तैयारी और रणनीतिक दबाव का हिस्सा माना जा रहा है।
ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा में मदद के लिए अमेरिकी सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। नाटो और क्रीमिया पर ट्रंप कहा कि यदि शांति समझौता होना है तो यूक्रेन को इन दोनों आकांक्षाओं को छोड़ना होगा। पिछले हफ्ते अलास्का में ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी।
अब ट्रंप ने संकेत दिया है कि पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की आमने-सामने बैठक की तैयारी शुरू हो गई है। यह बैठक अगले दो हफ्तों में हो सकती है। जर्मन चांसलर ने कहा कि पुतिन को बैठक के लिए राजी करने का श्रेय ट्रंप को जाता है। सोमवार को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से घंटों बातचीत की। इसके बाद उन्होंने पुतिन से फोन पर लगभग 40 मिनट बातचीत की और सीधी वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई।