चंडीगढ़, 16 जुलाई
हाल ही में हुए पंजाब विधानसभा सत्र की एक अनोखी और ऐतिहासिक उपलब्धि—जिसके तहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तुत सभी अधिनियम, विधेयक और प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए—को उजागर करते हुए वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने इस शानदार एकता का श्रेय आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की जनकल्याण और राज्य के विकास के लिए की गई सतत व निष्ठावान कोशिशों को दिया।
आज यहां पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने अपने दोनों कार्यकालों में पहले कभी विधानसभा सत्र के दौरान सभी विधायी मामलों में पूर्ण सहमति नहीं देखी थी। उन्होंने कहा कि यह ‘आप’ सरकार की सावधानीपूर्ण, योजनाबद्ध और ईमानदार कार्यप्रणाली का संकेत है, जिसका उद्देश्य पंजाब को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
वित्त मंत्री चीमा ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस बार विधानसभा सत्र को पहले ही दिन दो दिन बढ़ा दिया गया, जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों पर गहराई से चर्चा हो सकी और विपक्ष को भी सार्थक योगदान देने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने विशेष रूप से “पंजाब धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025” का उल्लेख किया, जिसे विस्तृत चर्चा के बाद सर्वसम्मति से सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राज्य सरकार की सभी धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने हेतु एक सशक्त कानून बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सत्र के दूसरे दिन जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पारित होने का भी उल्लेख किया, जिसमें बी.बी.एम.बी. संस्थानों में सी.आई.एस.एफ. की तैनाती का कड़ा विरोध किया गया था। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने 2021 में बी.बी.एम.बी. में सी.आई.एस.एफ. सुरक्षा के लिए सहमति दे दी थी, और यह कदम केंद्र तथा हरियाणा की भाजपा सरकारों द्वारा कांग्रेस की मिलीभगत से पंजाब के विरुद्ध रची गई एक साजिश माना गया। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से पंजाब पुलिस ने सख्त सुरक्षा प्रदान की है और कभी भी सुरक्षा से समझौता नहीं किया गया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सराहना की कि उसने ‘आप’ सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन कर अपनी पिछली गलती को सुधारा।
उन्होंने कहा कि “रियात बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, होशियारपुर विधेयक-2025” और “सी.जी.सी. यूनिवर्सिटी, मोहाली विधेयक-2025”, जिसका उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ करना है, को भी विपक्ष द्वारा सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त हुआ।
“पंजाब दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान विधेयक 2025” का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 1958 के बाद पहली बार संशोधित हुआ ‘पंजाब दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958’, खासकर छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए लंबे समय से चल रहे ‘इंस्पेक्टर राज’ का अंत करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा “पंजाब श्रमिक कल्याण कोष विधेयक, 2025” भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें संस्थानों के मालिकों की कार्यकुशलता और कर्मचारियों की भलाई—दोनों को ध्यान में रखते हुए संशोधन तैयार किए गए हैं। इस विधेयक को भी सर्वसम्मति से पारित किया गया।
वित्त मंत्री ने बताया कि विधानसभा ने “द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2025” को भी सर्वसम्मति से पारित किया, जो विशेष रूप से किला रायपुर में बैलगाड़ियों की दौड़ की अनुमति देता है, जिससे पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और प्रचार सुनिश्चित होगा।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अपने विभाग से संबंधित दो विधेयकों के भी सर्वसम्मति से पारित होने की जानकारी दी, जिनमें “पंजाब राज्य विकास कर (संशोधन) विधेयक, 2025”, जो वार्षिक एकमुश्त भुगतान चुनने वालों को 200 रुपये की छूट प्रदान करता है, और “पंजाब निरसन अधिनियम (रद्द) विधेयक, 2025” शामिल है, जिसका उद्देश्य 1985 के बाद के पुराने विधेयकों को रपील करना है।
अंत में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम पर हुई व्यापक और रचनात्मक चर्चा का भी उल्लेख किया, जिसमें सभी पार्टियों द्वारा सर्वसम्मति से पंजाब से नशे के खतरे को समाप्त करने के लिए सहयोग का संकल्प लिया गया।