अमृतसर में हुई हालिया गिरफ्तारी ने पंजाब में नशे के कारोबार में अन्य राज्यों के इंफोर्समेंट अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर चिंता बढ़ाई: हरपाल सिंह चीमा

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चंडीगढ़, 10 अप्रैल

‘युद्ध नशों विरुद्ध’ कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन एवं वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ कहा कि अमृतसर पुलिस द्वारा हरियाणा के रोहतक से संबंधित एक इंफोर्समेंट एजेंसी के अधिकारी समेत आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 4 किलो हेरोइन बरामद करने के मामले के चलते राज्य में नशे के कारोबार में अन्य राज्यों के इंफोर्समेंट अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर चिंता बढ़ गई है।

यहाँ पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस गिरोह के सरगना की पहचान के लिए गहराई से जांच की जाएगी और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सीमावर्ती इलाकों में नशे की तस्करी को रोकने के लिए पूरी ज़िम्मेदारी निभा रही है, जबकि केंद्र सरकार अपने कर्तव्यों में विफल होती दिख रही है।

‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान के संबंध में ताजा जानकारी साझा करते हुए वित्त मंत्री ने खुलासा किया कि व्यापक अभियान के परिणामस्वरूप पिछले 41 दिनों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 3,279 केस दर्ज किए गए हैं और 5,537 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत की गई महत्वपूर्ण बरामदगियों में 212 किलो हेरोइन, 6,945 किलो भुक्की, 105 किलो अफीम, 50 किलो गांजा, 6 किलो चरस और करीब 9 लाख प्रतिबंधित गोलियां व कैप्सूल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, करीब 6 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है तथा 57 नशा तस्करों की गैरकानूनी संपत्तियों को ढहाया गया है, ताकि उन्हें कड़ा संदेश दिया जा सके।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में लुधियाना में आयोजित रैली का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह अभियान गांवों और शहरों में युवाओं को संगठित करने में सफल रहा है। उन्होंने बताया कि पंच-सरपंच और नगर पार्षद इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब पंजाब के बजट में नशे के खिलाफ कार्रवाई को और मज़बूत करने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम और नशा जनगणना के लिए बजट आवंटित किया गया है। इसके अलावा खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए लगभग 980 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। उन्होंने सवाल किया कि जब नशे की समस्या देश के अन्य राज्यों में भी फैल चुकी है, तो क्या कांग्रेस या भाजपा शासित किसी राज्य ने कभी ऐसा कदम उठाया है?

पूर्ववर्ती राज्य सरकारों की कड़ी आलोचना करते हुए वित्त मंत्री ने अकाली-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस सरकारों पर नशे के संकट को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा चार हफ्तों में नशा समाप्त करने के वादे के बावजूद समस्या बनी रही। इसके विपरीत, आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पिछले तीन वर्षों से नशे की लानत से निपटने के लिए निरंतर मेहनत कर रही है, जिसमें ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान इस लानत को खत्म करने की दिशा में निर्णायक प्रयास साबित होगा।

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