पंजाब महिला आयोग ने पटियाला में हुए घिनौने अपराध की कड़ी निंदा की

 

चंडीगढ़, 1 अप्रैल

पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पटियाला में 12 वर्षीय लड़की के साथ हुए घिनौने अपराध की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस दुःख की घड़ी में पीड़ित और उसके परिवार के साथ खड़ी हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, एक ऑटो चालक को एक नाबालिग का यौन शोषण करने और गर्भवती करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 65(2) और 68 तथा यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पोक्सो) अधिनियम की धारा 6 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। आयोग ने कानून लागू करने वाली एजेंसियों से तुरंत और संपूर्ण जांच सुनिश्चित करने की अपील की है ताकि दोषी को बिना देरी के न्याय के कटघरे में लाया जा सके।

पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती राज लाली गिल ने इस मामले का सख्त नोटिस लेते हुए संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। चेयरपर्सन ने कहा, ‘यह बच्चों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और एक घिनौना अपराध है जिसे हमारे समाज में किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम दोषी के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं। न्याय को सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा इस केस की कार्यवाही पर पैनी नजर रखी जाएगी।’

इसके अलावा, आयोग स्थानीय अधिकारियों के साथ तालमेल कर रहा है ताकि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सीय सहायता, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान की जा सके। आयोग लोगों से सतर्क रहने और दुर्व्यवहार या शोषण के किसी भी मामले की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने की अपील करता है।

इसके अतिरिक्त, आयोग सिफारिश करता है कि विद्यार्थियों की आवाजाही के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी वाहनों की बारीकी से जांच की जाए और सुचारू ढंग से दस्तावेजीकरण किया जाए। बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे वाहनों में आपातकालीन किट, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, स्पीड मॉनिटर, अग्निशामक यंत्र और आपातकालीन निकासी की व्यवस्था जरूरी है। इसके अलावा, इन वाहनों को चलाने वाले सभी ड्राइवरों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य है ताकि विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। इन सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण और निगरानी की जानी चाहिए।

पंजाब राज्य महिला आयोग महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। आयोग पुलिस, न्यायपालिका और सिविल सोसाइटी सहित सभी भागीदारों से अपील करता है कि हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एकजुट होकर काम करें।

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