मान सरकार ने शैलरों की जायज मांगों को मानने के लिए केंद्र को लिखा पत्र

 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री को पत्र लिखकर मिल मालिकों की उचित मांगों को स्वीकार करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है। सीएम मान ने पत्र में लिखा है कि आमतौर पर एफ.सी.आई. मिलों से चावल 31 मार्च तक प्राप्त होता है, लेकिन 2023-24 मानसून सीजन के दौरान एफ.सी.आई. मिलों से चावल के लिए जगह नहीं मिल सकी। इसलिए डिलीवरी की अवधि 30 सितंबर 2024 तक बढ़ानी पड़ी। ऐसे में पंजाब के मिल मालिक 2024-25 के मानसून सीजन के दौरान बाजारों में आने वाले धान को इकट्ठा करने और भंडारण करने में अनिच्छुक हैं। मिल मालिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कवर्ड स्टोरेज से हर महीने कम से कम 20 लाख मीट्रिक टन चावल/गेहूं पंजाब से बाहर भेजा जाए।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि देशभर में अनाज के गोदाम भरे हुए हैं, इसलिए भारत सरकार को कुछ रणनीतिक समाधान निकालने होंगे। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि केंद्र सरकार ने चावल निर्यात की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही भगवंत मान ने कहा कि इस सीजन में 120 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल में जाने की उम्मीद है। अतः 31 मार्च 2025 तक केवल 90 लाख मीट्रिक टन चावल का भण्डारण स्थान उपलब्ध कराना अपर्याप्त होगा। इसके सिवा, मुख्यमंत्री ने बायो-एथेनॉल विनिर्माण इकाइयों, ओएमएसएस को रियायती/उचित मूल्य पर चावल की बिक्री का सुझाव दिया। 2024-25 के मानसून सीजन के दौरान राज्य में 120 लाख मीट्रिक टन चावल की समय पर डिलीवरी के लिए जगह बनाने के लिए उपक्रम और कुछ अन्य उपायों की भी तत्काल आवश्यकता है।

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