अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो जल्द ही पीजीआई नॉर्थ महिलाओं के लिए पहला ऐसा अस्पताल होगा जहां नशा मुक्ति केंद्र में महिला मरीजों को भी भर्ती किया जाएगा। हालांकि अब तक नशे की लत केवल मृतकों में ही देखी जाती थी, लेकिन अब बदलते दौर में महिलाएं भी इसका शिकार हो रही हैं। हालाँकि, महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में कम है।
पी.जी.आई डीडीटीसी सेंटर में अभी 20 बेड की सुविधा है, जिसे बढ़ाकर 50 किया जाएगा। देश में कुछ ही ऐसे सरकारी केंद्र हैं, जहां महिलाओं के लिए अलग से सुविधाएं हैं। ऐसी सुविधा अब उत्तर भारत में मौजूद नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि महिला मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाना ज्यादा पसंद करती हैं, क्योंकि वहां अलग से सुविधाएं होती हैं।
प्रोफेसर सुबोध बी.एन कहते हैं, मनोचिकित्सा विभाग के अतिरिक्त के .डी.टी.सी. पिछले कुछ सालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। केंद्र में हर साल 4 हजार नए मामले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पी.जी.आई महिलाओं के लिए अलग जगह की जरूरत महसूस की जा रही है।
आने वाली महिला मरीजों की सुविधा के लिए केंद्र में 20 ऑपरेशनल बेड की सुविधा बढ़ाने की जरूरत है। इसे शुरू करने के लिए स्टाफ, फैकल्टी, नर्स, सपोर्ट स्टाफ की जरूरत होती है। हमारे पास केंद्र में ओपीडी है। हम नई उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए अस्पताल का विस्तार करने की भी योजना बना रहे हैं।