लोक गायिका शारदा सिन्हा का पटना के गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ‘बिहार कोकिला’ को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जा रही है। घाट पर शारदा सिन्हा अमर रहे के साथ-साथ छठी मईया के जयकारे भी गूंज रहे हैं।
शारदा सिन्हा को छठ गीत से पहचान मिली। उनके गानों के बिना छठ महापर्व अधूरा माना जाता है। छठी माई की महिमा गाने वाली शारदा सिन्हा का पर्व के पहले दिन (मंगलवार को) दिल्ली एम्स में निधन हुआ। आज संध्या अर्घ्य वाले दिन वो पंचतत्व में विलीन हो जाएंगी।
पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकली, जो गुलबी घाट पर खत्म हुई। बेटे अंशुमान ने मां की अर्थी को कंधा दिया। उनके साथ-साथ बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरसिया ने भी कंधा दिया। बड़ी संख्या में शारदा सिन्हा के प्रशंसक भी शामिल हुए हैं।
उनके अंतिम सफर में उनका गाया आखिरी छठ गीत ‘दुखवा मिटाई छठी मईया’ बजा। ये गाना शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स से ही रिलीज किया था।