गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने हाल ही में संसद में लाए गए तीनों बिलों और इस पर विपक्ष के विरोध पर बात की।
शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर कहा, ये लोग (विपक्ष) आज भी ये कोशिश कर रहे हैं कि अगर कभी जेल गए तो जेल से ही आसानी से सरकार बना लेंगे। जेल को ही CM हाउस, PM हाउस बना देंगे और DGP, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से ही आदेश लेंगे।
शाह ने ये भी कहा, लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश को फाड़ने का राहुल गांधी का क्या औचित्य था? अगर उस दिन नैतिकता थी तो क्या आज नहीं है, क्योंकि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर शाह ने कहा, ‘धनखड़ जी एक संवैधानिक पद पर आसीन थे और अपने कार्यकाल में उन्होंने संविधान के अनुरूप अच्छा काम किया। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया है।’
संसद के अंदर CISF की तैनाती पर गृह मंत्री बोले, ‘मार्शल सदन में तभी प्रवेश करते हैं, जब अध्यक्ष उन्हें आदेश देते हैं। यह बदलाव उस बड़ी घटना के बाद आया है, जब कुछ वामपंथी लोगों ने संसद के अंदर स्प्रे किया था… उन्हें (विपक्ष को) बहाने चाहिए। वे जनता में भ्रम पैदा करना चाहते हैं। तीन चुनाव हारने के बाद हताशा के इस स्तर ने उनका विवेक खो दिया है।’
शाह ने INDIA ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर कहा, ‘उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही (विपक्ष द्वारा सुदर्शन रेड्डी को चुनने का) मानदंड रही होगी।’