तरनतारन जिले के गाँव नारला से संबंधित गुरजंट सिंह की म्रितक देह आज दुबई से अंम्रितसर के गुरू रामदास अंतर-राषट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। गुरजंट सिंह की म्रितक देह को दुबई से पंजाब पहुंचाने का सारा जिंमा दुबई के प्रमुख व्यवसायी और सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षक डॉ. एस.पी. सिंह ओबेरॉय ने उठाया। जिन के प्रयासों से ही परिवार को म्रितक के अंतिम दरशन नसीब हो सके।
इस दौरान शव लेने आए गुरजंट के बुजुर्ग व अपंग पिता काबल सिंह व मां कश्मीर कौर ने रोते हुए अपान दर्द जाहिर किया। उन्होने बताया कि गुरजंट गरीबी के दुख से छुटकारा पाने के लिए अपने हिस्से की जमीन बेचकर दुबई के रास्ते दूसरे देश जाने की कोशिश कर रहा था। अचानक उन्हें (मां-बाप को) एक दूर के रिश्तेदार का फोन आया कि गुरजंट की दुबई में अपनी आवासीय इमारत से गिरने के बाद मौत हो गई है। आप को बता दे कि म्रितक गुरजंट अपने पीछे गर्भवती पत्नी और एक मासूम बच्चा छोड़ गया है।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए डॉ. एस.पी. सिंह ओबेरॉय ने कहा कि एक मासूम बच्चे के पिता गुरजंट सिंह अन्य युवाओं की तरह बेहतर भविष्य के सपने लेकर 21 मार्च को दुबई आए थे, पर किसमत को कुछ ओर ही मंजूर था। जिसकी केवल 10 दिन बाद 31 मार्च को अप्रत्याशित परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। इस के साथ ही डॉ. ओबराय ने कहा कि ट्रस्ट गुरजंट सिंह की विधवा को 1500 रुपये और विकलांग पिता को 1000 रुपये, यानी कुल 2500 रुपये प्रति माह पेंशन देगा।
इस अवसर पर पंजाब अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह हेर, माझा जोन सलाहकार सुखदीप सिद्धू, जिला अध्यक्ष शीशपाल लाडी, महासचिव मनप्रीत संधू चमियारी, कोषाध्यक्ष नवजीत घई, सदस्य जगदेव सिंह छीना और मंगदेव सिंह पीड़ित परिवार के साथ दुख सांझा करने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। सरबत का भला टीम ने बताया कि डॉ ओबेरॉय के प्रयासों से अब तक करीब 355 बदनसीब लोगों के शव उनके वारिसों तक पहुंचाए जा चुके हैं।