चंडीगढ़, 4 जून
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के मद्देनज़र चल रही मुहिम के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा ख़तरा पैदा करने वाले जासूसी नैट्टवर्कों के विरुद्ध महत्वपूर्ण सफलता दर्ज करते हुये पंजाब पुलिस के स्टेट स्पैशल आपरेशन सैल ( एसएसओसी) एस. ए. एस. नगर, ने पाकिस्तान की इंटर- सर्विसिज इंटेलिजेंस ( आईएसआई) के लिए जासूसी करने के दोष में एक यूट्यूब इनफलूऐंसर को गिरफ़्तार किया है। यह जानकारी डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने बुधवार को दी।
गिरफ़्तार किये गए मुलजिम की पहचान जसबीर सिंह उर्फ जान माहल ( 41) निवासी गाँव माहलां रूपनगर के तौर पर हुई है। उक्त दोषी 11 लाख से अधिक सब्सक्राईबरों वाला एक सोशल मीडिया इनफलूऐंसर है, जो ‘‘जान माहल वीडियो’ ’ नाम का यूट्यूब चैनल चला रहा था, जहाँ यात्रा और खाना पकाने सम्बन्धी व्लॉग पोस्ट किये जाते थे।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह बात सामने आई है कि मुलजिम जसबीर सिंह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस आपरेटिव (पीआईओ) शाकिर उर्फ जट्ट रंधावा के साथ जुड़ा हुआ है, जो कि एक आतंकवादी- समर्थित जासूसी नैटवर्क का हिस्सा है। उसके हरियाणा स्थित यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिसको हरियाणा पुलिस ने जासूसी के दोष में गिरफ़्तार किया था, के इलावा पाकिस्तानी नागरिक और पाकिस्तानी हाई कमीशन से निकाले गए अधिकारी एहसान- उर- रहीम उर्फ दानिश के साथ भी सीधे संपर्क थे।
उन्होंने कहा कि जांच से पता लगा है कि दानिश के निमंत्रण पर दोषी जसबीर दिल्ली में पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस समागम में शामिल हुआ था, जहाँ वह पाकिस्तानी फ़ौज के अधिकारियों और व्लॉगरों को मिला था। दोषी 2020, 2021 और 2024 तीन बार पाकिस्तान भी गया और आईएसआई अधिकारियों के सीधे संपर्क में आया था, जिन्होंने बाद में उसको भारत में जासूसी गतिविधियों करने के लिए भर्ती किया।
डीजीपी ने कहा कि ज्योति मल्होत्रा की गिरफ़्तारी के बाद, दोषी जसबीर ने पकड़े जाने से बचने के लिए इन पीआईओज़ के साथ अपने संचार के सभी सबूत मिटाने की कोशिश की। उन्होंने आगे कहा कि व्यापक जासूसी-आतंकवादी नैटवर्क को ख़त्म करने और सभी सहयोगियों की पहचान करने के लिए और जांच जारी है।
आपरेशन के विवरण सांझे करते हुए, सहायक इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस ( एआईजी) एसएसओसी एसएएस नगर डा. रवजोत ग्रेवाल ने कहा कि पुलिस टीमों को भरोसेयोग सूचना मिली थी कि जसबीर सिंह उर्फ जान माहल, पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों समेत कई पाकिस्तानी संस्थाओं के संपर्क में है और भारतीय फ़ौज की तैनाती और देश की अन्य आंतरिक गतिविधियों के बारे संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि तेज़ी से कार्यवाही करते हुए, एस. एस. ओ. सी. ऐसएऐस नगर की टीमों ने इंटेलिजेंस- आधारित कार्यवाही शुरू की है और शक्की को उसके मोबाइल डिवाइस समेत गिरफ़्तार कर लिया।
उन्होंने कहा कि गिरफ़्तार किये गए व्यक्ति के मोबाइल फ़ोन की शुरुआती फोरेंसिक जांच से लगभग 150 पाकिस्तानी संपर्क मिले हैं, जिनमें पाकिस्तानी आईएसआई एजेंटों, पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारियों और अन्य पाकिस्तानी संस्थाओं के मोबाइल नंबर शामिल हैं।
एआईजी ने कहा कि अपने बारे में जानकारी को छिपाने की कोशिश में दोषी ने अपने मोबाइल फ़ोन से चैट, संपर्क रिकार्ड और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया हैंडलरों के साथ आदान-प्रदान किये गए दस्तावेज़ों समेत महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत मिटा दिए। उन्होंने यह भी कहा कि उसकी तरफ से मिटाया गया डाटा और लीक की जानकारी को फिर प्राप्त करने के लिए तकनीकी रिकवरी और फोरेंसिक जांच जारी है।
उन्होंने कहा कि जांच से पता लगा है कि दोषी जसबीर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग भारतीय फ़ौज की गतिविधियों और तैनाती के बारे संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलरों के साथ सांझी करने के लिए किया था।
ए. आई. जी. ने कहा कि दोषी जसबीर की, साल 2024 में पाकिस्तान दूतावास की तरफ से करवाए एक समागम में पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों के द्वारा ज्योति मल्होत्रा के साथ जान-पहचान हुई थी। जसबीर और ज्योति दोनों इकठ्ठा पाकिस्तान भी गए थे। उन्होंने आगे कहा कि संभावित साथियों, डिजिटल संचार विधियों और विदेशी संबंधों की पहचान करने के लिए आगे जांच जारी है।
ज़िक्रयोग्य है कि पुलिस स्टेशन एस. एस. ओ. सी. ऐसएऐस नगर में बीएनएस की धारा 152 और 61(2) और ऑफिशियल सीकरेट एक्ट की धारा 3, 4 और 5 के अंतर्गत 03/ 06/ 2025 को केस दर्ज किया गया है।
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