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RBI Repo Rate: आरबीआई एमपीसी कमेटी ने एक बार फिर रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के माहौल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त मजबूती दिखाई है। वैश्विक बाजारों के उथल-पुथल के बावजूद रेपा रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया गया है।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, “…The Monetary Policy Committee decided unanimously to keep the policy repo rate unchanged at 6.5%. Consequently, the Standing Deposit Facility rate remains at 6.25% and the Marginal Standing Facility rate and the Bank Rate at 6.75%.” pic.twitter.com/yQSppS7IzJ
— ANI (@ANI) December 8, 2023
आरबीआई की पांचवी माॅनिटरी पाॅलिसी की बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट अभी स्थिर बना रहेगा। बैठक में शामिल 6 में 5 सदस्यों ने इसके स्थिर बनाए रखने को सहमत थे। यानी वे इसमें कोई बदलाव नहीं करना चाहते थे। इसके साथ ही गवर्नर ने कहा कि हमारा मुख्य फोकस महंगाई दर को 4 के नीचे लाने पर होगा।
2024-25 तक रिजर्व बैंक नहीं बदलेगा रेपो रेट
बता दें कि इससे पहले कई बैठकों में भी इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। एक्सपर्ट रेपो रेट को पांचवी बैठक में भी स्थिर रखने का अनुमान जता रहे थे। वहीं कुछ एक्सपर्ट ने कहा कि केंद्रीय बैंक जून 2024 इसे स्थिर रखेगा क्योंकि आरबीआई किसी भी कीमत पर महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे रखना चाहता है।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी से अभी तक जितनी भी बैठकें हुई है उसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों की मानें तो आरबीआई 2024-25 से पहले रेपो रेट को स्थिर रखेगा इसमें कोई बदलाव नहीं करेगा।
यानी आपकी ईएमआई में नहीं होगा कोई बदलाव
रेपो रेट का सीधा संबंध ईएमआई से होता है। अगर रेपो रेट नहीं बढ़ाई गई है तो लोन की ईएमआई में भी कोई बढ़ोतरी नहीं होगी और अगर बढ़ती है तो लोन की ईएमआई भी बढ़ती है। बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को कर्ज देता है और बैंक इस पैसे को कर्ज के तौर पर बांट देते हैं।
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