जयपुर–मुंबई (महाराष्ट्र) बोट हादसे में नेवी के 4 जवानों सहित 9 सिविलियंस की जान चली गई है। इसमें जयपुर (राजस्थान) ग्रामीण के रहने वाले मार्कोस कमांडो (नेवी) महेंद्र सिंह (34) भी शामिल हैं। शहीद कमांडो की पार्थिव देह आज जयपुर पहुंचेगी। यहां से उनके पैतृक गांव रेनवाल के जूनसिया ले जाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। मार्कोस भारत के सबसे खतरनाक कमांडो माने जाते हैं।
रेनवाल (जयपुर) तहसीलदार कोमल यादव ने बताया- महेन्द्र सिंह पुत्र विजय सिंह रेनवाल के जूनसिया गांव के रहने वाले थे। वह दो महीने बाद ही नेवी से रिटायर होने वाले थे। वह नेवी में मार्कोस पेटी ऑफिसर थे। मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जाते समय 18 दिसंबर की दोपहर करीब 3:55 बजे नीलकमल बोट से नेवी का जहाज टकरा गया था। टक्कर के बाद उनकी बोट समुद्र में डूब गई। हादसे में महेंद्र सिंह सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी।
महेंद्र सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को गन चलाने की ट्रेनिंग दे चुके हैं। महेंद्र सिंह के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर छा गई। मुंबई से महेंद्र सिंह के पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए जयपुर के रेनवाल गांव के लिए रवाना कर दिया गया है। शुक्रवार को गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। वे कुछ दिन पहले ही छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे। साथ में वे अपने माता-पिता को मुंबई घुमाने के लिए साथ ले गए थे।
जानकारी के मुताबिक, 80 लोगों की क्षमता वाली नीलकमल बोट में 20 बच्चों समेत करीब 110 यात्री सवार थे। इनमें से 101 का रेस्क्यू कर लिया गया था। मुंबई से एलिफेंटा गुफाओं की ओर जाते समय अरब सागर में बुचर द्वीप के पास नौसेना की गश्ती स्पीड बोट ने नाव को टक्कर मार दी थी। इसकी वजह से बोट में पानी भर गया और वह डूब गई थी।