चंडीगढ़/कोट्टायम, 29 अप्रैल:
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण और पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने अंतर-राज्यीय आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत कृषि, मत्स्य पालन और पशुपालन के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों की पड़ताल करने के लिए केरल के कोट्टायम जिले में स्थित आई.सी.ए.आर.-कृषि विज्ञान केंद्र, कुमारकोम का दौरा किया।स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ, के.वी.के. अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया, जिसके दौरान कृषि, मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र में कुमारकोम के साथ सहयोग की संभावनाओं की पड़ताल की गई। इस क्षेत्र में मत्स्य पालन, खासकर केज कल्चर और इनलैंड एक्वाकल्चर के कृषि के साथ सफल एकीकरण ने पंजाब के प्रतिनिधिमंडल को प्रभावित किया।
स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने एकीकृत कृषि, जैविक कृषि और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन में उपयोग किए जा रहे नवीन प्रथाओं की सराहना की, जो ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं। पंजाब का प्रतिनिधिमंडल विशेष रूप से कुमारकोम में अपनाई जा रही प्रमुख पहल, धान के बीज बोने के लिए ड्रोन के उपयोग से प्रभावित हुआ।
प्रतिनिधिमंडल ने के.वी.के. कोट्टायम के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों की भी सराहना की, जिन्होंने कृषि और सहायक व्यवसायों से उत्पन्न वस्तुओं के मूल्यवर्धन पर केंद्रित मजबूत सामुदायिक उद्यमों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने मछली, सब्जियों, फलों और मसालों के लिए मूल्य के संवर्धन को प्रोत्साहित करने में के.वी.के. के समर्थन के साथ-साथ जैविक खाद, पोषक मिश्रण और जैविक-कीटनाशक उत्पादन इकाइयों के बारे में भी जाना, जिसने स्थानीय कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि इन पहलों ने न केवल कृषि आय में सुधार किया है बल्कि स्थायी कृषि पद्धतियों का भी समर्थन किया है।
उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और संयुक्त अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में पंजाब और केरल के बीच संभावित सहयोग की भी पड़ताल की। केरल के अधिकारियों ने अत्याधुनिक मशीनीकरण, उच्च-उपज वाली फसलों की किस्मों और बड़े पैमाने पर कृषि विपणन में पंजाब की प्रगति से सीखने में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. गुरशरण सिंह बेदी ने कहा कि यह दौरा पंजाब और केरल के बीच स्थायी कृषि, मत्स्य पालन और पशुपालन विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।