भूजल को बचाने के लिए छह जिलों में लागू किया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट: गुरमीत सिंह खुड्डियां

 

चंडीगढ़, 4 जून:

प्रदेश में कृषि विविधता को प्रोत्साहित करने और गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस वर्ष 12,000 हेक्टेयर धान की खेती वाले क्षेत्र को खरीफ की मक्का की खेती के अंतर्गत लाने की एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। मक्का की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 17,500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ अधिक टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देना है।

इस फसली विविधता योजना का विवरण साझा करते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि यह प्रोजेक्ट छह जिलों — बठिंडा, संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला — में एक पायलट परियोजना के रूप में लागू किया जाएगा, जिसके तहत धान से बदलकर मक्का की खेती के अंतर्गत 12,000 हेक्टेयर क्षेत्र लाने का लक्ष्य है।

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों को धान से मक्का की खेती की ओर प्रोत्साहित करने और मार्गदर्शन देने हेतु 200 किसान मित्र भी नियुक्त किए हैं। मक्का की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय एक रणनीतिक कदम है, जो कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय बढ़ाने से जुड़ा है। मक्का, जो अत्यंत पौष्टिक और बहुपयोगी फसल है, धान की तुलना में कम पानी की आवश्यकता रखती है, इसलिए यह एक अधिक टिकाऊ विकल्प है। इसके अतिरिक्त, भोजन से लेकर पशुओं के चारे और स्टार्च उत्पादों तक इसकी बहुपक्षीय उपयोगिता के कारण यह फसल किसानों के लिए एक बड़ा बाज़ार और आय में वृद्धि की संभावना प्रदान करती है।

स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा, “हम फसली विविधता को अपनाकर मिट्टी की सेहत में सुधार, पानी की खपत में कमी और अधिक टिकाऊ कृषि प्रणाली विकसित कर सकते हैं। इससे न केवल हमारे किसानों को लाभ होगा, बल्कि यह पंजाब में टिकाऊ कृषि के हमारे लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।”

कृषि विभाग के प्रबंधकीय सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने बताया कि अब तक 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ मक्का की बुवाई की जा चुकी है। यह कदम पंजाब में गिरते भूजल स्तर की समस्या को हल करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रोत्साहन राशि खेती की लागत (जैसे बीज, खाद आदि) के खर्च को पूरा करते हुए किसानों में मक्का की खेती को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार फसली विविधता योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *