पंजाब में आगामी पंचायत चुनाव पार्टी चिन्हों पर न कराने की योजना सरकार बना रही है। इसके लिए पंजाब पंचायती राज नियम 1994 में संशोधन की तैयारी कर ली गई है। अगली कैबिनेट बैठक में इससे संबंधित एजेंडा भी लाया जा सकता है। इसके पीछे कोशिश यह है कि गांवों में माहौल खुशनुमा बना रहे। साथ ही सभी लोग गांवों के विकास में सहयोग करें। पंचायत चुनाव को लेकर कुछ दिन पहले एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इस दौरान यह मुद्दा उठाया गया था।
इस बारे में कानूनी विशेषज्ञों से भी राय ली गई है। इसके बाद इस दिशा में कदम उठाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी सिंबल पर चुनाव होने से गांवों में लोग बंट जाते हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाता है। इससे गांवों का समुचित विकास नहीं हो पाता। सबसे बड़ी बात यह है कि झगड़े भी बहुत होते हैं। अगर यह संशोधन होता है तो यह बड़ी राहत की बात होगी। पंचायत विभाग ने फरवरी में उन पंचायतों को भंग कर दिया था, जिनका कार्यकाल पांच साल पूरा हो चुका था। कांग्रेस सरकार के दौरान 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे। उस समय 13276 सरपंच और 83831 पंच चुने गए थे।
इसके बाद अधिकारियों को पंचायतों का कार्यवाहक अधिकारी नियुक्त किया गया। मतदाता सूची और अन्य काम पहले से ही चल रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई हो सकती है।