शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अधिकारी करेंगे सड़क खंडों की निगरानी: डॉ. रवजोत सिंह

 

चंडीगढ़, 22 मई:

पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने आज मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने संबंधी एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की।

आज पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, डॉ. रवजोत सिंह ने व्यापक ‘पंजाब सड़क सफाई मिशन’ का शुभारंभ किया, जिसके तहत राज्य की सड़कों की दैनिक निगरानी और रखरखाव के लिए राज्य भर के श्रेणी-1 अधिकारियों को सड़क के खंड सौंपे जाएंगे।

डॉ. रवजोत सिंह ने कहा, “यह पहल पारंपरिक प्रशासन से जवाबदेही-आधारित प्रशासन में एक मिसाली बदलाव लाएगी।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में, विभागीय सीमाओं से ऊपर उठकर एक फील्ड एक्शन मॉडल तैयार किया जाएगा, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

कैबिनेट मंत्री ने जोर देकर कहा कि सड़कें हमारे शहरों और कस्बों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि यदि सड़कें साफ-सुथरी होंगी और उनका उचित रखरखाव किया जाएगा, तो प्रशासनिक और आर्थिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित की जा सकेंगी।

पंजाब सड़क सफाई मिशन के तहत अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के बारे में अधिक जानकारी देते हुए, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उपायुक्तों, नगर निगम आयुक्तों, अतिरिक्त उपायुक्तों (ए.डी.सी.), उप-मंडल मजिस्ट्रेटों (एस.डी.एम.) और कार्यकारी अधिकारियों सहित प्रत्येक श्रेणी-1 अधिकारी को लगभग 10 किलोमीटर का सड़क खंड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी निर्धारित सड़क खंडों के उचित रखरखाव के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे और व्यापक रिपोर्टिंग विधियों के साथ अनिवार्य रूप से दैनिक निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि संबंधित अधिकारी समय पर गड्ढों की मरम्मत, साफ और स्पष्ट रोड मार्किंग और पेंटिंग, सुरक्षित और सुलभ फुटपाथ, कार्यशील स्ट्रीट लाइटें, नियमित रूप से कूड़ा एकत्र करना और स्वच्छता और सामान्य सफाई तथा नागरिक रखरखाव सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल के तहत सड़क बुनियादी ढांचे के हर पहलू पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस पहल में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एकीकरण शामिल है, जिसमें ए.आई. टूल्स वाली मोबाइल एप्लिकेशन और वास्तविक समय के निरीक्षण डेटा एकत्र करना, विजुअल रिपोर्टिंग और स्वचालित विश्लेषण क्षमताओं के लिए कैमरा सहायता शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, त्वरित संचार और समन्वय के लिए वॉकी-टॉकी प्रदान किए जाएंगे, जबकि जिला-स्तरीय व्हाट्सएप ग्रुप सभी हितधारकों के बीच मुद्दे की त्वरित रिपोर्टिंग और समाधान की सुविधा प्रदान करेंगे।

सुनियोजित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि सभी जिलों को अनिवार्य रूप से विस्तृत डेटा जमा करना चाहिए, जिसमें अधिकारी असाइनमेंट, अक्षांश और देशांतर बिंदुओं के साथ सड़क खंड के निर्देशांक और जी.आई.एस.-आधारित निगरानी और भविष्य के एप्लिकेशन की सुविधा के लिए गूगल मैप्स प्लॉटिंग शामिल है, ताकि उन्नत निगरानी प्रणालियों के माध्यम से पूरी ट्रैकिंग और एकीकरण को सक्षम किया जा सके।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि प्रत्येक जिले में शहरी स्थानीय इकाइयों (यू.एल.बी.) के लिए उपायुक्त स्तर पर विशेष कार्यान्वयन आदेश जारी किए जाएंगे, जिसमें निरंतर निगरानी और सुधार सुनिश्चित करने के लिए साप्ताहिक प्रगति समीक्षाएं अनिवार्य होंगी। उन्होंने आगे कहा, “हम एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रहे हैं जहां अधिकारी केवल डेस्क से प्रशासन नहीं चलाएंगे बल्कि जिम्मेदार नागरिकों के रूप में पंजाब के बुनियादी ढांचे के रखवाले बनेंगे।”

लक्ष्यगत परिणामों को उजागर करते हुए, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लक्ष्यगत बदलावों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार, अधिकारियों की जवाबदेही और नेतृत्व में वृद्धि, सक्रिय प्रशासन और लोगों के बीच विश्वास में वृद्धि और राज्य भर में शहरी जीवन स्तर में योजनाबद्ध सुधार करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय विभाग में पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (पी.एम.आई.डी.सी.) के सीईओ के माध्यम से समन्वय के साथ सभी उपायुक्तों और नगर निगमों तथा नगर परिषदों के प्रमुखों को सख्ती से पालन करने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं।

डॉ. रवजोत सिंह ने कहा, “यह केवल सामान्य प्रशासनिक निर्देश नहीं हैं, बल्कि प्रशासन में रचनात्मक बदलाव लाने का आह्वान है।” उन्होंने आगे कहा कि हर अधिकारी पंजाब को भारत के सबसे साफ-सुथरे और रहने योग्य राज्यों में से एक बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, “आइए इसे एक सार्वजनिक अभियान बनाएं जहां राज्य का हर अधिकारी केवल प्रशासक के रूप में ही नहीं, बल्कि हमारे कस्बों और शहरों की प्रगति के लिए जिम्मेदार नागरिकों के रूप में पंजाब की सड़कों का रखवाला बने।”

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