मेरी सोच नौजवानों को नशों की दलदल में से निकाल कर उनको लक्षित हुनर विकास के द्वारा उद्यमी बनाना: स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह

 

चंडीगढ़, 4 जून

पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई ‘‘युद्ध नशों विरुद्ध’’ मुहिम के सार्थक नतीजे सामने आ रहे हैं। नशा छुड़ाओ केन्द्रों में इलाज के लिए आ रहे लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुये पंजाब सरकार एक विशेष हुनर विकास प्रोग्राम शुरू करने पर विचार कर रही है जिससे नशा छोड़ चुके व्यक्तियों को फिर से समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके।

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रधान और रोज़गार सृजन, हुनर विकास और प्रशिक्षण मंत्री श्री अमन अरोड़ा की अध्यक्षता अधीन हुई मीटिंग, जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह भी मौजूद थे, में यह फ़ैसला लिया गया कि नशों की दलदल में से निकल चुके व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ने के लिए उनको ज़रुरी हुनर के साथ लैस किया जायेगा।

श्री अमन अरोड़ा ने अधिकारियों को नशा-मुक्ति का इलाज करवा चुके व्यक्तियों के लिए हुनर विकास प्रोग्राम की निगरानी के लिए एक प्रोजैक्ट प्रबंधन यूनिट ( पीऐमयू) स्थापित करने के निर्देश भी दिए जिससे इन व्यक्तियों को सफलतापूर्वक समाज की मुख्यधारा में शामिल करके नशों की ओर फिर जाने से रोका जा सके।

रोज़गार सृजन मंत्री ने पंजाब हुनर विकास मिशन (पीएसडीएम), तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण और अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को इलाज करवा चुके व्यक्तियों को समय की माँग अनुसार हुनर के साथ लैस करने के लिए उद्योगों के साथ तालमेल करने के निर्देश देने के इलावा अधिकारियों को डिप्टी कमिशनरों, ज़िला रोज़गार और उद्यम ब्यूरो ( डीबीईई) और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ तालमेल करने के लिए भी कहा जिससे नशों से मुक्त हो चुके व्यक्तियों को हुनर प्रदान करने की प्रक्रिया को और ज्यादा सुचारू बनाया जा सके।

श्री अमन अरोड़ा ने सम्बन्धित अधिकारियों को हुनर विकास में रुचि रखने वाले नशे का इलाज करवा चुके व्यक्तियों की पहचान करके उनको उचित पेशों का प्रशिक्षण देने के लिए कहा। मिशन डायरैक्टर पीएसडीएम को भी निर्देश दिए कि वह हुनर प्रशिक्षण लेने वाले व्यक्तियों की प्लेसमेंट करवाने के लिए प्रयास करें जिससे उनको समाज की मुख्यधारा में सफलतापूर्वक शामिल किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का मकसद नशों की दलदल में से निकल चुके व्यक्तियों में अच्छी आदतें और हुनर पैदा करना है जिससे उनको सशक्त बनाया जा सके और उनकी नशों की तरफ फिर जाने की संभावना को टाला जा सके। उन्होंने कहा कि मेरी सोच नशों के आदियों को इलाज और लक्षित हुनर विकास के ज़रिये उद्यमियों में बदलना है।

इस मीटिंग में प्रमुख सचिव रोज़गार सृजन, हुनर विकास और प्रशिक्षण अलकनंदा दयाल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कुमार राहुल, डीआईजी ( एएनटीएफ) संजीव रामपाल, आईजी जेल रूप कुमार अरोड़ा, मिशन डायरैक्टर पंजाब हुनर विकास मिशन अमृत सिंह, डायरैक्टर तकनीकी शिक्षा श्री मोनीश कुमार, डायरैक्टर पैंशनज़ अमनदीप बांसल, डायरैक्टर प्रमोशन आफ इन्फर्मेशन टैक्नोलोजी मोहिंद्र पाल और अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।

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