पंजाब भर की मंडियों में 50,000 से अधिक पौधे लगाए जाएंगे: हरचंद सिंह बर्सट

 

चंडीगढ़  /मोहाली, 16 जुलाई:

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, पंजाब मंडी बोर्ड ने जालंधर, पटियाला, फिरोजपुर और लुधियाना की विभिन्न मंडियों में 24.5 करोड़ रुपये की लागत से सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इस पर्यावरण-अनुकूल पहल से बिजली खर्च में प्रतिवर्ष लगभग 3.5 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है। यह जानकारी पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स हरचंद सिंह बरसट ने दी।

स बरसट ने मंडी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनाज मंडियों, फल एवं सब्ज़ी मंडियों, मार्केट कमेटियों और ई-नाम से संबंधित चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की।

चेयरमैन ने आगे बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड राज्य की मंडियों में 50,000 से अधिक पौधे लगाएगा। यह प्रयास राज्य की मंडियों और उनके आसपास हरियाली बढ़ाने तथा पर्यावरणीय स्थिरता को प्रोत्साहित करने हेतु मंडी बोर्ड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

स बरसट ने अधिकारियों को तलवंडी साबो स्थित गेस्ट हाउस के नवीनीकरण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि इसे किसान भवन, चंडीगढ़ की तर्ज़ पर संचालित किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने बोर्ड की आवासीय कॉलोनियों में खाली पड़े मकानों को आवंटित करने की तत्काल कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि सब्ज़ी मंडियों के आधुनिकीकरण के अंतर्गत पटियाला क सनौर मंडी में बूम बैरियर लगाए गए, जिससे मंडी फीस में बढ़ोतरी हुई। इस परियोजना की सफलता को देखते हुए इसे राज्य की अन्य मंडियों में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है।

स बरसट ने अधिकारियों को राज्य की मंडियों में हुए अवैध कब्जों को तत्काल हटाने और सब्ज़ी मंडियों की स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि मंडियों में उत्पन्न होने वाले कचरे के दैनिक निष्पादन को सुनिश्चित किया जाए तथा इस बायो-वेस्ट से आय सृजन हेतु कदम उठाए जाएं।

बोर्ड की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए चेयरमैन स बरसट ने बताया कि मंडी बोर्ड को इस वर्ष अब तक 842 प्लॉटों की ई-नीलामी से 373 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की मंडियों के कवर शेडों को ऑफ-सीजन के दौरान आम जनता के उपयोग हेतु खोले जाने की पहल को व्यापक सराहना मिली है, जिससे अब तक एक करोड़ रुपये की आय हुई है। यह पहल मंडियों के मौजूदा बुनियादी ढांचे के उपयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में मंडी बोर्ड के प्रयासों को दर्शाती है।

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